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गाजा की सुरंगों में छिपे हमास के 'लादेन' याह्या सिनवार की खोज के लिए खाक छान रही इजरायली सेना, मोसाद ने भी संभाल लिया है मोर्चा

गाजा की सुरंगों में छिपे हमास के 'लादेन' याह्या सिनवार की खोज के लिए खाक छान रही इजरायली सेना, मोसाद ने भी संभाल लिया है मोर्चा

डेस्क- ग़ज़ा में सुरंगों के नेटवर्क के साइज़ का आकलन बहुत मुश्किल काम है. इसराइल हमास की इन सुरंगों को ग़ज़ा मेट्रो बोलता है. ऐसा माना जाता है कि ये सुरंगे सारे ग़ज़ा में अटी पड़ी हैं. साल 2021 में हुए संघर्ष के बाद इसराइली सेना कहा था कि उन्होंने ग़ज़ा में 100 किलोमीटर लंबी टेड़ी-मेढ़ी सुरंगें तबाह कर दी हैं. लेकिन हमास ने दावा किया था कि उन्होंने ग़ज़ा में 500 किलोमीटर लंबी सुरंगें बनाई हैं और इसराइली हमले में सिर्फ़ 5 प्रतिशत सुरंगें ही तबाह हुई हैं.  7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद इजरायली सुरक्षा प्रतिष्ठान मान रहे हैं कि ये सब उसने एक रणनीति के तहत कहा था. इजरायल इससे मान रहा था कि हमास अब लड़ने की हालत में नहीं है. सिनवार ने इजरायली चेतना को बहुत अच्छी तरह से पढ़ा. वह चाहता था कि इजरायल को विश्वास हो कि हमास गाजा में स्थिरता की ओर बढ़ रहा है. इसी का फायदा लेते हुए 7 अक्टूबर जैसे हमले को अंजाम दिया. याह्या सिनावार को गाजा में हमास का सबसे बड़ा नेता माना जाता है. इजरायल ने 7 अक्टूबर को हुए हमले के पीछे के भी याह्या को मास्टरमाइंड बताया है. इजरायल ने याह्या को हमास का लादेन कहते हुए हर कीमत पर उसको खत्म करने की बात कही है.  7 अक्टूबर के बाद से याह्या के गाजा की सुरंगों में छुपे होने की बात सामने आ रही है. इजरायल ने हमास के जिन नेताओं को खत्म करने की कसम खाई है, उसमें याह्या टॉप पर है.इजरायल इस बात पर तुला है कि जब तक वह हमास का खात्मा नहीं कर देगा तब तक वह शांति ने नहीं बैठेगा. हमास के लड़ाकों खत्म करने के लिए इजरायली युद्धक विमान ने कई मिसाइलें गाजा पर गिराईं. इस बार इजराइल की ओर से संकेत मिल रहे हैं कि अब हमास का नेता याह्या सिनवार उनके निशाने पर है.

इजरायली सैन्य खुफिया एजेंसी के फिलिस्तीन विभाग के पूर्व प्रमुख और देश के सैन्य विशेषज्ञों में से एक माइकल मिलस्टीन ने कहा कि गाजा में हमास के मुख्य नेता याह्या सिनवार ने इजरायली सरकार को ध्यान में रखते हुए 7 अक्टूबर के हमले की योजना बनाई थी. उसकी हरी झंडी के साथ, हमास की सैन्य शाखा अल कासिम ब्रिगेड के प्रमुख मोहम्मद डेफ ने यहूदियों के पवित्र दिन सिम्हात तोराह पर हमला किया. सिनवार इस समय इजरायल का टॉप टारगेट है. ऐसा माना जाता है कि वह गाजा सुरंग में छिपा हुआ है. इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि वह छोटे हिटलर की तरह बंकर में बैठा है. सिनवार को लेकर इजरायल इसलिए भी सतर्क है क्योंकि वह उसके शातिरपन से वाकिफ है. सिनवार और इजरायली दशकों से एक-दूसरे को देख और समझ रहे हैं. दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में जन्मा 61 साल का सिनवार 1980 के दशक के अंत में हमास की सैन्य शाखा को स्थापित करने वालों में से एक है. इजरायल के चार फिलीस्तीनी सहयोगियों की हत्या में इजरायल ने 1989 में याह्या को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उसने 2 दशक से ज्यादा इजरायल की जेल में गुजारे हैं.

इजरायल की जेल में रहते हुए सिनवार ने हिब्रू सीखी और इजरायली समाज को भी समझा. वह जेल में नियमित रूप से अखबार पढ़ता था और प्रमुख इजराइली हस्तियों की जीवनियों को भी पढ़ा. जेल में वह हमास कैदियों का निर्विरोध नेता बन गया था. इजरायली अधिकारी याह्य को ठंडे दिमाग वाला चुंबकीय नेता बताते हैं. 2000 के दशक की शुरुआत में जेल में रहते हुए ब्रेन ट्यूमर भी हो गया था. जिसके बाद बेर्शेबा के सोरोका मेडिकल सेंटर में उसका इलाज हुआ. इजरायली सेना गाजा पर कब्जा करने के बाद सिनवार को खत्म करने की हर संभव कोशिश करेगी.  माइकल मिलस्टीन ने कहा, "सिनवार ने तेल अवीव को सफलतापूर्वक बेवकूफ बनाया है. इजरायल ने सरकार के भीतर यह धारणा बनाई कि हमले के रास्ते से हटकर हमास गाजा में स्थिरता बहाल करने की कोशिश कर रहा है. सिनवार अब इजरायल मुख्य लक्ष्य है." पूर्व इजरायली खुफिया विभाग ने यह भी दावा किया कि हमास के शीर्ष नेताओं में से एक सिनवार अब गाजा में एक भूमिगत बंकर में छिपा हुआ है. 

 ग़ज़ा के भीतर सुरंगों का मकसद अलग है. हमास वहां लंबे समय तक रहना चाहता है. उनमें व्यवस्थाएं मौजूद रहती हैं ताकि वहां जीवन जिया जा सके.”"वहां उनके नेता छिपे रहते हैं. उनका कमांड और कंट्रोल सिस्टम भी वहीं है. इन सुरंगों का इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट के अलाव कम्यूनिकेशन के लिए भी किया जाता है. इनमें बिजली, लाइट और रेल ट्रैक्स तक की सुविधा होती है. आप इनमें चल फिर सकते हैं.”वे कहती हैं कि हमास ने सुरंगें खोदने में महारथ हासिल कर ली है. उन्होंने सीरिया में विद्रोही लड़ाकों से इस कला को सीखा है.कहा जाता है कि ग़ज़ा में सुरंगें ज़मीन से 30 मीटर नीचे हैं. और उनमें घुसने के लिए घरों के बेसमेंट से रास्ते जाते हैं.सुरंगों में मस्जिदों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक जगहों से भी दााखिल हुआ जा सकता है.सुरंगों के इस नेटवर्क के निर्माण का खामियाजा स्थानीय लोगों ने भी भुगता है. इसराइली वायु सेना सुरंगों की शिनाख़्त हो जाने की स्थिति में उनपर बमबारी कर सकती है. बंकर को उड़ाने वाले ये बम ज़मीन में गहराई तक चले जाते हैं. 


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