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'परिवहन दरोगा' के खिलाफ जारी है विभागीय कार्यवाही, 'गवाही' को लेकर परिवहन विभाग को भेजा गया पत्र..

'परिवहन दरोगा' के खिलाफ जारी है विभागीय कार्यवाही, 'गवाही' को लेकर परिवहन विभाग को भेजा गया पत्र..

PATNA: बिहार में भ्रष्टाचार पर जारी प्रहार को अफसर ही रोक रहे. आरोपी सरकारी सेवकों को कई तरह से फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही. भ्रष्टाचार की शिकायत पर जब जांच एजेंसियां कार्रवाई करती हैं तो बचाने का भरसक प्रयास किया जाता है. आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू होती है तब जानबूझ कर देर किया जाता है. परिवहन विभाग में एक से बढ़कर एक खेल खेला जा रहा. भ्रष्टाचार के आरोपी प्रवर्तन अवर निरीक्षक (दरोगा) के खिलाफ शुरू हुई विभागीय कार्यवाही में मंतव्य (रिपोर्ट) को एक वर्ष से लटकाकर रखा गया है. जांच अधिकारी ने 26 अप्रैल 2022 को आदेश पारित किया था. इस आलोक में प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी ने  11 मई 2022 को परिवहन विभाग को पत्र भेजकर सामान्य प्रशासन विभाग से मंतव्य मांगने को कहा था. लेकिन 25 अप्रैल 2023 तक परिवहन विभाग ने उस मंतव्य को जांच अधिकारी तक नहीं भेजा. इसके बाद प्रवर्तन अवर निरीक्षक श्यामनंदन प्रसाद केस के प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी संयुक्त सचिव सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, दरभंगा ने फिर से परिवहन विभाग के उप सचिव को पत्र लिखा है. 

परिवहन विभाग के उप सचिव को लिखा पत्र 

परिवहन दारोगा श्यामनंदन प्रसाद जो वर्तमान में पूर्णिया में तैनात हैं. निगरानी ब्यूरो ने इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर छापेमारी की थी. निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट पर परिवहन विभाग ने विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया था. सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था. प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी सह संयुक्त आयुक्त क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार दरभंगा ने 25 अप्रैल 2023 को परिवहन विभाग के उप सचिव को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि श्यामनंदन प्रसाद प्रवर्तन अवर निरीक्षक के खिलाफ संचालित विभागीय कार्यवाही में संचालन पदाधिकारी ने 26 अप्रैल 2022 को आदेश पारित किया था. उसका अनुपालन अब तक नहीं हुआ है.

साक्षियों की गवाही कराई जाय या नहीं..नहीं भेजी गई रिपोर्ट 

पत्र में कहा गया है कि इस केस के संचालन पदाधिकारी सह जांच आयुक्त सामान्य प्रशासन विभाग ने 26 अप्रैल 2022 को इस केस की सुनवाई की थी. जिसमें आदेश पारित किया गया है कि प्रशासकीय विभाग (परिवहन विभाग) के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग से यह मंतव्य प्राप्त करें. यह पूछा गया था कि साक्षियों की गवाही कराई जाए अथवा नहीं ?  इस आलोक में 11 मई 2022 को परिवहन विभाग को मंतव्य उपलब्ध कराने को कहा गया था जो अब तक नहीं मिला है. इस केस में 28 फरवरी 2023 को पारित आदेश में संचालन पदाधिकारी सह जांच आयुक्त ने आदेश के अनुपालन नहीं किए जाने का उल्लेख किया है. ऐसे में तुंरत वांछित मंतव्य उपलब्ध कराएं ताकि 9 मई 2023 को अगली सुनवाई में प्रतिवेदन दिया जा सके. बता दें, श्यामनंदन प्रसाद केस में जांच अधिकारी के समक्ष 9 मई को अगली सुनवाई होनी है, जिसमें इस रिपोर्ट की सख्त जरूरत है. 

2019 में इंस्पेक्टर श्यामनंदन के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी 

दिसंबर 2019 में निगरानी ब्यूरो ने समस्तीपुर में प्रतिनियुक्त रहे परिवहन इंस्पेक्टर श्यामनंदन प्रसाद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी. निगरानी टीम ने पटना के सैदपुर स्थित शिवम अपार्टमेंट, कंकड़बाग मुन्ना चक एवं समस्तीपुर के मुसरी घरारी में छापेमारी की थी. निगरानी थाने में श्याम नंदन प्रसाद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया था. प्रवर्तन निरीक्षक के खास की शिकायत के आधार पर ही निगरानी जांच शुरू हुई थी.खास ने ही 3 अगस्त 2018 को जिला लोक शिकायत पदाधिकारी भागलपुर व निगरानी विभाग के पास परिवाद पत्र भेजा था. दिसंबर 2019 में निगरानी की छापेमारी के दौरान श्याम नंदन की करोड़ों की अवैध संपत्ति का पता चला था. गाजियाबाद में इसकी पत्नी के नाम पर तीन फ्लैट मिले थे. इसके अलावे कई महंगी संपत्ति की जानकारी लगी थी. 

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