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कल्याण की इच्छा करने वाले मनुष्यों के लिए आवश्यक है कि वे गीता पढ़ें और दूसरों को पढायें :स्वामी ज्ञानानंद

कल्याण की इच्छा करने वाले मनुष्यों के लिए आवश्यक है कि वे गीता पढ़ें और दूसरों को पढायें :स्वामी ज्ञानानंद

पटना. मानव जीवन में बदलाव के लिए गीता जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में बेहतर करना चाहते है तो वह विशेष रूप से गीता पढ़े. ये विचार राजधानी पटना में गीता सत्संग कार्यक्रम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने व्यक्त किए. स्वामी ज्ञानानंद जी ने गीता की महत्ता बताते हुए कहा कि गीता हर घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है. इस पर स्वामी जी खुद सभी जगहों पर चर्चा भी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति गीता से जुड़ी हुई है. जीवन दर्शन को समझने के लिए गीता सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है. इसलिए गीता से हर किसी को जोड़ना हमारा लक्ष्य है. गीता को घर घर पहुंचाकर ही सामाजिक बदलाव, संस्कार संवर्धन, विश्व शांति तक पहुंचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जीवन के हर मोड़ पर गीता से प्रेरणा लेकर सुविचारित बदलाव सुनिश्चित किया जा सकता है. इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा. 

ज्ञानानंद जी ने कहा कि आज युवा पीढ़ी में ज्यादातर तनाव, उदासी, कमजोर, घमंड, अकड़, अभिमान, शेखी घृष्टता, ढिठाई आदि देखने को मिल रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि उन्हें लगता है कि वे जो कर रहे हैं वह सब सही है. लेकिन उनको और भी आवश्यकता है. गीता के ज्ञान को प्राप्त कर जीवन में सकरात्मक बदलाव लाया जा सकता है. आज का युग युद्ध की विभीषिका से भयभीत है. ऐसे में गीता का उपदेश ही हमारा मार्गदर्शन कर सकता है . आज का मनुष्य प्रगतिशील होने पर भी किंकर्त्तव्य- विमूढ़ है. अत: वह गीता से मार्गदर्शन प्राप्त कर अपने जीवन को सुखमय और आनन्दमय बना सकता है. उन्होंने कहा कि गीता जो पुरुष प्रेमपूर्वक निष्काम भाव से भक्तों को पढ़ाएगा अर्थात् उनमें इसका प्रचार करेगा वह निश्चय ही मुझको (परमात्मा) प्राप्त होगा. 

उन्होंने कहा कि जो पुरुष स्वयं इस जीवन में गीता शास्त्र को पढ़ेगा अथवा सुनेगा वह सब प्रकार के पापों से मुक्त हो जाएगा. गीता शास्त्र सम्पूर्ण मानव जाति के उद्धार के लिए है. कोई भी व्यक्ति किसी भी वर्ण, आश्रम या देश में स्थित हो, वह श्रद्धा भक्ति-पूर्वक गीता का पाठ करने पर परम सिद्धि को प्राप्त कर सकता है. अत: कल्याण की इच्छा करने वाले मनुष्यों के लिए आवश्यक है कि वे गीता पढ़ें और दूसरों को पढायें.

गीता सत्संग में पूर्व डीजीपी सह कथावाचक गुप्तेश्वर पांडे, आचार्य किशोर कुणाल, मंत्री जीवेश मिश्रा, मंत्री प्रमोद कुमार, बीजेपी प्रवक्ता सह पूर्व विधायक मनोज कुमार, सूरजभान सिंह रामेश्वर चौरसिया के साथ तमाम लोग मौजूद रहे. यह कार्यक्रम निर्दलीय एमएलसी सचिदानंद रॉय द्वारा आयोजित किया गया.


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