जेल में बंद आसाराम ने किया बड़ा कांड, जमानत पाने के लिए किया ऐसा उल्टा-पुल्टा काम कि और ज्यादा बुरे फंसे

DESK. यौन उत्पीड़न सहित कई अन्य मामलों में जेल में बंद आसाराम ने एक बार फिर से ऐसा उल्टा पुल्टा काम कर दिया है कि उनकी जमानत की उम्मीदों को बड़ा झटका लग गया. जेल से निकलने के लिए आसाराम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है. छात्रा से यौन शोषण के मामले में सालों से राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम के जमानत पाने के हर प्रयास विफल हो रहे हैं. हर बार नए नए बहाने बनाकर जमानत पाने की कोशिश करने वाले आसाराम ने इस बार ऐसा बहाना बनाया कि बुरे फंस गए.

एक दौर के लोकप्रिय कथावाचक रहे आसाराम को पुराने केस में तो जमानत मिली नहीं, उल्टे नया केस और दर्ज हो गया. अब जमानत पाने का रास्ता और ज्यादा कठिनाई से भरा हुआ हो गया है. आसाराम के खिलाफ यह केस जोधपुर के रातानाड़ा थाने में दर्ज कराया गया है. 

उन्होनें जोधपुर सेंट्रल जेल में जेल अस्पताल का गंभीर बीमारी का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया. और ये दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट तक में पेश कर दिए. यह पूरा मामला साल 2017 का बताया जा रहा है. इसके आसाराम की पैरवी करने वाले पैरोकार रविराय का नाम भी शामिल है. आरोप लग रहे हैं रविराय ने ही इस मामले में आसाराम की मदद की और उनका फर्जी बीमारी प्रमाण पत्र बनवाया. लेकिन आसाराम का यह छल कोर्ट को धोखा देने में सफल नहीं रहा. 

अब सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में रातानाड़ा थाने में रविराय और आसाराम के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश आए हैं. वहीं इस पूरे मामले में आसाराम बापू ने खुद को बेकसूर बताया है. उनका कहना है कि उन्होनें ऐसा कुछ नहीं किया, वे रविराय को जानते भी नहीं हैं.