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JDU सांसद चंदेश्वर चन्द्रवंशी के बेटे की कंपनी 'नीतीश सरकार' की रोज-रोज करा रही मिट्टी पलीद ! कल एक विधायक की जान खतरे में पड़ गई..CS झेंप गए, सेटिंग की बदौलत मिला था 1600 करोड़ का एंबुलेंस ठेका

JDU सांसद चंदेश्वर चन्द्रवंशी के बेटे की कंपनी 'नीतीश सरकार' की रोज-रोज करा रही मिट्टी पलीद ! कल एक विधायक की जान खतरे में पड़ गई..CS झेंप गए, सेटिंग की बदौलत मिला था 1600 करोड़ का एंबुलेंस ठेका

PATNA: जहानाबाद के जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे को 1600 करोड़ के एंबुलेंस टेंडर देने के बाद रोज-रोज नीतीश सरकार की फजीहत हो रही है. टेंडर को नियमों के खिलाफ जाकर देने का मुद्दा तो गरम है ही. नीतीश कुमार के सांसद के बेटे-बहू की कंपनी की एंबुलेंस ऐसी है कि उससे रोज-रोज सुशासन के मुंह पर तमाचा लग रहा. 30 नवंबर को जेडीयू सांसद के परिवार के एंबुलेंस ने बता दिया कि सेंटिग की वजह से ही स्वास्थ्य विभाग में जमे हैं. कहावत है कि ''सैयां भये कोतवाल को डर काहे का''.

जेडीयू सांसद के बेटे की कंपनी वाली एंबुलेंस से विधायक की जा सकती थी जान 

दरअसल, तीस नवंबर को भाजपा के विधायक मिश्रीलाल यादव की अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ. तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ी. हायर अस्पताल में ले जाने के लिए दरभंगा सिविल सर्जन से 102 एंबुलेंस की मांग की गई. इसके बाद एक 102 एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया. लेकिन उस एंबुलेंस की स्थिति बेहद ही खराब थी. ऑक्सीजन तक की उपलब्धता नहीं थी. हालात ऐसे हो गए कि दरभंगा के सिविल सर्जन को भारी परेशानी यूं कहें कि झेंप जाना पड़ा. इसके बाद दरभंगा के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार ने आज 1 दिसंबर को पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर्स (JDU सांसद के बेटे-बहू की कंपनी) नाम की 102 एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी को नोटिस दिया है.

जेडीयू सांसद के बेटे की कंपनी ने सिविल सर्जन की कराई फजीहत 

दरभंगा सिविल सर्जन ने नीतीश कुमार के सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी के बेटे-बहू की कंपनी पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर्स सें कहा है कि 30 नवंबर को विधायक मिश्रीलाल यादव को ब्रेन स्ट्रोक हुआ. जिस कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. विधायक को निजी अस्पताल के द्वारा बेहतर इलाज हेतु उच्च स्वास्थ्य संस्थान में रेफर किया गया. रेफर करने के बाद एंबुलेंस की मांग की गई. इस आलोक में 102 एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया. लेकिन उस एंबुलेंस की स्थिति किसी माननीय को भेजने लायक नहीं थी. स्थिति बेहतर नहीं रहने के कारण हमें अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा. एंबुलेंस को मानक के अनुरूप परिचालन के लिए आप जिम्मेदार हैं. ऐसे में आप दरभंगा जिला में परिचालित सभी 102 एंबुलेंस का एसमेंट करते हुए मानक के अनुरूप देना सुनिश्चित करें . साथ ही एंबुलेंस में जीवन रक्षक दवाओं के साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए. इसका अनुपालन 10 दिनों में करें और प्रमाण दें कि जिले के सभी 102 एंबुलेंस को मानक के रूप कर दिया गया है एवं जीवन रक्षक दवाओँ के साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है. अगर ऐसा नहीं किया तो आदेश की अवहेलना के आरोप में कार्रवाई की जाएगी. 

बता दें, जेडीयू सांसद के बेटे-बहू की कंपनी को 1600 करोड़ का एंबुलेंस ठेका नियम विरूद्ध देने का खुलासा हुआ थातो विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. भले ही मुख्यमंत्री यह कहते हों कि उनका भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. लेकिन जब इतना बड़ा बड़ा मामला उठा था, तब नीतीश सरकार ने चुप्पी साध ली थी. राजद जब विपक्ष में था तब पार्टी के कई विधायकों ने सरकार को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी. लेकिन कोई जांच नहीं हुई. राजद सरकार में है और तेजस्वी यादव स्वास्थ्य मंत्री हैं तो शिकायतकर्ता विधायकों ने चुप्पी साध ली. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व रास सांसद सुशील मोदी ने इस बड़े मामले को उठाकर लोकसभा चुनाव से पहले सुशासन की सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में कटघरे में खड़ा कर दिया है. मोदी का सीधा आरोप है कि जब इस तरह के बड़े मामले सामने आ रहे हैं तो अब यह कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार से मुख्यमंत्री ने समझौता कर लिया है . 

नीतीश के सांसद के बेटे-बहू की कंपनी को मिला टेंडर 

बिहार में इमरजेंसी सेवा के तहत चलने वाली 2125 एंबुलेंस को चलाने का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था, वह कंपनी जहानाबाद के जेडीयू सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी के बेटे का है. इस कंपनी में उनके बेटे के साथ दूसरे रिश्तेदार भी निदेशक हैं . बिहार सरकार ने एंबुलेंस का ये ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिडेट को दिया. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाता है. बदले में उनसे कोई राशि नहीं ली जाती है. इस योजना के तहत 2125 एंबुलेंस के संचालन का ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिडेट को दिया गया था. आरोप है कि इस कंपनी में जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे-बहू और बहनोई  निदेशक के पद पर हैं. इस कंपनी में ज्यादातर निदेशक सांसद के रिश्तेदार हैं. 

नियमों में बदलाव का आरोप

आरोप है कि इस कंपनी को ठेका देने के लिए नियमों की अनदेखी की गई. नियम है कि ठेका लेने वाली कंपनी के पास बीते तीन सालों में कम से कम 750 एंबुलेंस चलाने का अनुभव हो. उस कंपनी के पास 75 सीटों वाला कॉल सेंटर और 50 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस कम से कम होना चाहिए. लेकिन इस कंपनी के पास बस 50 सीटों कॉल सेंटर है. कंपनी को ठेका देने के लिए नियम में बदलाव कर 75 सीटों वाला कॉल सेंटर को 50 कर दिया गया इसके साथ ही 50 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को 40 कर दिया गया. लेकिन पीडीपीएल ने बिहार में अकेले कभी एंबुलेंस नहीं चलाई थी.पहली बार, जब पीडीपीएल को ये ठेका मिला था, तब उसके साथ सम्मान फाउंडेशन सहयोगी थी. दोनों कंपनियों को एक कॉन्सॉर्टियम (सह-व्यवस्था) के तहत 625 एंबुलेंस चलाने का साझा ठेका मिला था. 

सबसे पहले राजद विधायकों ने खोली थी पोल 

बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की जब सरकार थी तब आरजेडी के विधायक ने इस मामले को उठाया था. बाद में नई सरकार में तेजस्वी यादव स्वास्थ्य मंत्री बने इसके बाद आरजेडजी विधायक जो शिकायतकर्ता थे उनलोगों ने इसपर चुप्पी साध ली. हालांकि जेडीयू सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी अपने आप को इससे पूरी तरह से अलग बताते हैं. जब यह मामला पहली दफे उठा था तब उन्होंने दावा किया था कि इस कंपनी से उनका कोई लेना देना नहीं है.सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा, यह मेरे रिश्तेदारों की कंपनी है और इसमें मेरी कोई व्यक्तिगत हिस्सेदारी नहीं है.

 नीतीश कुमार अब भ्रष्टाचार को संरक्षित कर रहे

 पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार को नीतीश कुमार का खुला संरक्षण प्राप्त है, इसलिए सरकारी ठेके नियम-शर्तें तोड़ कर जद-यू-राजद के सांसद-विधायक के परिजनों की कंपनी को मिल रहे हैं। ऑडिट और हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी के बाद भी ऐसे ठीके रद नहीं किये जा रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि जहानाबाद से जदयू सांसद चंद्रेश्वर के परिजनों ( बेटे-बहू) की कंपनी पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) को स्वास्थ्य विभाग से मिला 1600 करोड़ का ठेका 10 नवम्बर 2023 को हाईकोर्ट को रद  करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पीडीपीएल का ठेका रद करने का आदेश जारी करते हुए पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के निर्णय को मनमाना, अतार्किक, नियम-विरुद्ध और संविधान के अनच्छेद 14 के विरुद्ध बताया।  पूर्व डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि इस ठेके का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने पहले भी आपत्ति की थी, लेकिन सरकार ने इसे रद नहीं किया था।  उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुँचाने की निशुल्क एम्बुलेंस सेवा (डायल 102) संचालित करने और 2125 एम्बुलेंस खरीदने के लिए सांसद-परिजन की कंपनी पीडीपीएल को ठेका देने के लिए बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति ने नियमों को शिथिल और निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने में कोई संकोच नहीं किया। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध से मुख्यमंत्री ने समझौता कर लिया है  इसलिए बिहार में सरकारी ठेके से लेकर बालू-शराब के धंधे तक  माफियागिरी हावी है।  

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