Patna: जदयू ने तेजस्वी यादव को रोजगार देने वाले मुद्दे पर जमकर सुनाया है. जदयू ने कहा है कि जनता ने जिसे बेरोजगार किया वो जनता को रोजगार देने की बात कर रहे है.
निखिल मंडल ने कहा कि तेजस्वी यादव की बेचैनी समझ में आने लायक है. बिहार की जनता को बेरोजगार करनेवाले, आज रोजगार की बात कर रहे हैं. वे मिस कॉल पर बेरोजगारों की खोज कर रहे हैं. कल कहेंगे कि मिस कॉल पर उनकी सरकार भी बन गई है. वास्तव में वे और उनका कुनबा बीते दिनों को मिस करता है.
जदयू ने तेजस्वी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब बिहार में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का कीर्तिमान बनाया गया था. तेजस्वी यादव बिहार को फिर उसी अंधकार युग में धकेलना चाहते हैं. जब लालटेन की रौशनी के नीचे इतना अंधेरा था कि बिहार में रोजी-रोजगार पूरी तरह से समाप्त हो गया था और डॉक्टर हों या इंजीनियर या व्यवसायी बिहार से पलायन कर रहे थे. पता नहीं, बिहार के सबसे बड़े न्यूरो सर्जन डॉ रमेश चंद्रा के अपहरण की कहानी उन्हें याद है या नहीं.
पटना ही नहीं राज्य के हर हिस्से से व्यापारियों का पलायन किनके जंगलराज में हुआ? तेजस्वी जी शायद फिर से अपहरण-डकैती के रोजगार को लाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि उनका रिकॉर्ड तो इसी चीज का है. 15 साल पहले, बिहार की जनता ने उनके परिवार को बेरोजगार बना दिया था और आज तक बार-बार अर्जी लगाने के बावजूद उनको बिहार की जनता फिर से रोजगार देने के लिए तैयार नहीं है. आगे भी वे इसी तरह से बेरोजगार बने रहेंगे. आपको बता दें तेजस्वी यादव ने कहा था बिहार में 4 लाख 50 हजार रिक्तियां पहले से ही हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हजार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है. तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे.