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जदयू का आरोप, केंद्र की मोदी सरकार खेल प्रोत्साहन में बिहार की प्रतिभा के साथ कर रही भेदभाव, गुजरात को तरजीह

जदयू का आरोप, केंद्र की मोदी सरकार खेल प्रोत्साहन में बिहार की प्रतिभा के साथ कर रही भेदभाव, गुजरात को तरजीह

पटना. मोदी सरकार द्वारा खेल बजट में खेल करने और बिहार के साथ लगातार किए जा रहे भेदभाव का आज जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा एवं कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल ने तथ्यों ओर आंकड़ों के साथ खुलासा किया। जदयू ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा खेल प्रोत्साहन में बिहार की प्रतिभा के साथ भेदभाव और सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जबसे मोदी प्रधानमंत्री बने हैं सिर्फ गुजरात के कुछ लोगों का विकास हो रहा है। केन्द्रीय खेल-कूद मंत्रालय ने पुरे भारत में सबसे ज्यदा फण्ड गुजरात को दिया है, दूसरी ओर बिहार के नौजवानों को ठगते हुए उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है।

इन लोगों ने कहा कि बिहार जहां से बड़ी संख्या में प्रतिभावान खिलाडी निकलते हैं, वहीं केंद्र सरकार ने 8 साल से ना के बराबर पैसा दिया है और दूसरी ओर गुजरात को आँख मूंद कर पैसा दिया जा रहा है। विभिन्न राज्यों में अलग अलग खेल में रुचि रखने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर चलाने वाले भारतीय खेल प्राधिकरण ने बिहार में पटना, मुजफ्फरपुर, जमुई और किशनगंज में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के चल रहे कार्य को भी हटा लिया। 

मैराथन में भारत का राष्ट्रीय रिकार्ड (1978) अपने नाम रखने वाले शिवनाथ सिंह दो बार एषियान चैम्पीयन्स हैं। वर्ष 2014 के कामन्वेल्थ खेल में बिहार की बेटी श्रेयसि सिंह ने स्वर्ण पदक जीता था। हाजीपुर के प्रमोद भगत बैडमिंटन में पैरालिंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने। बिहारी बैडमिंटन खिलाड़ी ऋतिक आनन्द ने ब्राजील में हुए डेफ ओलंपिक में गोल्ड जितकर तिरंगे का मान बढ़ाया। टोक्यो पैरालिंपिक में बिहार के शरद कुमार ने हाई जंप में ब्रांज पदक जीता था। 

बिहार के मोहम्मद शम्स आलम शेख़ को वर्ष 2021 में राष्ट्रपति द्वारा बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन (दिव्यांग) का खिताब दिया गया। उन्हें यूएस डिपार्टमेंट आॅफ स्टेट ग्लोबल स्पोर्ट्स मेंटरिंग प्रोग्राम 2018 द्वारा विकलांगता खेल और खेल कूटनीति में सर्वश्रेष्ठ उभरते नेता से सम्मानित किया गया था। 1928 के एम्सड्रेम ओलिंपिक में भारत ने पहली बार गोल्ड जीता था, उस समय भारतीय हाॅकी टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा बिहारी ही थे। छपरा के हरेन्द्र सिंह कुछ समय पहले तक इंडियन हाॅकी टीम के चीफ कोच रहे और अभी यूएस हाॅकी टीम के चीफ कोच हैं। भारतीय हाॅकी टीम के कप्तान रह चुके अजितेश राय पटना के ही हैं।

जदयू नेताओं ने इसी के साथ कहा कि गुजरात से 121 वर्ष में आज तक एक भी व्यक्ति ओलम्पिक में मेडल नहीं जीत पाया है, जबकि हिंदुस्तान के लगभग सभी राज्यों से कम से कम एक मेडल ज़रूर आया है। बिहार में आज तक एक भी राष्ट्रीय खेल महोत्सव का आयोजन नहीं किया गया है। गुजरात में इस वर्ष हो रहे राष्ट्रीय खेल के अलावा वर्ष 2019 में 6ठा एषियान स्कूल टेबल टेनिस चैम्पीयन्शिप भी हुआ था।  गुजरात यूनिवर्सिटी में वल्र्ड क्लास सिन्थेटिक ट्रैक 2018 में बनवाया गया। गुजरात में होने वाले खेल महाकुंभ के तर्ज़ पर शुरू किया गया खेलो इंडिया में भी बिहार को न के बराबर फंड दिया गया है।


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