दिल्ली. देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में चुनावी हलचल का असर बिहार की राजनीति पर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल, बिहार में बीजेपी-जेडीयू की गठबंधन सरकार है, लेकिन उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू को सीट नहीं दी है. अब इससे परेशान जदयू ने अकेले अपने दम पर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी की अध्यक्षता में मंगलवार को यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी की बैठक हुई. त्याग ने ऐलान किया कि यूपी में जदयू अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, बिहार में एनडीए की सहयोगी दल जेडीयू यूपी में अकेले चुनाव लड़ेंगी. हम यहाँ भी बिहार मॉडल लाना चाहते हैं. भाजपा के अमित शाह, जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान से हमने बातचीत की लेक़िन गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी. इसलिए हम लोग अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. हमारी पार्टी कोई नई पार्टी नहीं है बल्कि एक पुरानी पार्टी है.
उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार में पूर्वाचल में वाराणसी के सौदर्यीकरण को हटा दें तो वहां के अन्य जिलों में कुछ भी काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल को स्पेशल इकोनॉमिक राज्य घोषित किया जाना चाहिए.
त्यागी ने कहा कि हमारा पहला मुद्दा है कि एमएसपी पर क़ानूनी गारंटी दी जाएं. यह किसानों के लिए वरदान साबित होगा. साथ ही कृषि कानून के विरोध के दौरान किसानों पर लगाए गए सारे मुकदमे वापस हों. जातिगत जनगणना की जाए और देश में के बिजनेस को पूंजीपतियों के हाथों नही देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने बिहार में दो उपमुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से दिया है. उसी अनुरूप उत्तर प्रदेश में भी हम सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राज्य के विकास के लिए हमने अपनी स्थिति साफ कर दी है और जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर जदयू चुनाव में उतरेगा. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल भी मौजूद रहे.