ब्राह्मणों को ‘ह#मी’ कह चौतरफा घिरे जीतन राम मांझी, राजद ने रांची भेजने तो भाजपा ने कह दी ये बात

पटना. ब्राह्मणों के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल कर विवादों में घिरे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ अब उनकी सहयोगी पार्टी भाजपा सहित विपक्षी दल कांग्रेस और राजद की ओर से मर्यादा का उल्लंघन नहीं करने की बात कही गई है. यहाँ कि राजद नेता ने मांझी के अटपटे बयान पर नाराजगी जताते हुए उन्हें रांची भेजने की बात कही. गौरतलब है कि रांची में मानसिक अस्पताल है. 

मांझी के बयान पर आरजेडी के विधायक तिवारी ने कहा कि इस तरह के लोगों को रांची पहुंचा देना चाहिए. वहां का द्वार खुला हुआ है. वहां उनका इलाज करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी सत्ता के मद में चूर होकर इस तरह की बात कह रहे हैं. शायद मांझी को यह पता नहीं कि वे जिस दल भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर राजनीति कर रहे हैं वह भाजपा पूजा पाठ को लेकर ही राजनीति करती है. 

राज्य के पथ निर्माण मंत्री नतिन नवीन ने मांझी को मर्यादा का ध्यान रखने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति को किसी भी समाज के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, वे हमारे वरिष्ठ नेता हैं. हम सभी से अनुरोध करेंगे कि हमारे समाज में सद्भावना बने, सब एक दूसरे के साथ मिलकर रहें इस भावना से काम करना चाहिए. 

राजद नेता शिवानंद तिवारी ने मांझी को सुझाव देते हुए कहा कि जीतन राम मांझी को इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर किसी की बात से गुस्सा हो जाएँ तब भी इंसान को शब्दों की मर्यादा नहीं भूलना चाहिए. मांझी को मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. 

कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि तत्काल जीतन राम मांझी को माफी मांगनी चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक कर क्या रहे हैं .  नीतीश कुमार को खुद इस पर संज्ञान लेना चाहिए. उनके बेटे को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए, साथ ही साथ बीजेपी गठबंधन में साथ है तो बीजेपी क्या कर रही है. अगर जीतन राम मांझी पर एक्शन नहीं होता है तो हम समझेंगे कि इस बयान के साथ बीजेपी और जेडीयू दोनों जीतन राम मांझी के साथ खड़ी है.

वहीं मांझी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, हमने किसी के खिलाफ कोई अमर्यादित शब्द नहीं कहा है. आस्था के नाम पर हमारे समाज में बढ़ते आडम्बर पर टिप्पणी की थी. अगर किसी को हमारे शब्दों से ठेस पहुंचा हो तो मैं ब्राह्मणों से माफी मांगता हूँ. हालाँकि ब्राह्मणों पर सफाई देने के दौरान मांझी ने अपने समाज (मुसहर) के लोगों के लिए सार्वजनिक तौर पर अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया. 

इसके पूर्व मांझी ने एक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मणों को ‘हरामी’ कहकर संबोधित किया है। उन्होंने इस दौरान भारतीय संस्कृति में सत्यनारायण भगवान की पूजा को लेकर भी सवाल उठाया है। बाद में उन्होंने अब सफाई देते हुए कहा है उन्होंने हरामी शब्द का इस्तेमाल अपने समाज ‘मुसहर-भुइयां’ लोगों के लिए कहा था.