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उलझ गया जोकीहाट, मतदान खत्म लेकिन 31 मई तक बना रहेगा सस्पेंस

उलझ गया जोकीहाट, मतदान खत्म लेकिन 31 मई तक बना रहेगा सस्पेंस

PATNA – मतदान ख़त्म होने के साथ ही जोकीहाट की किस्मत EVM में कैद हो गई है.जोकीहाट में कुल 53 फ़ीसदी वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदान के दौरान उम्मीदवारों ने धांधली का आरोप लगाया तो वहीँ कई बूथों पर वोटरों ने प्रशासन पर मनमानी का. चौकता में चार बूथों पर वोटरों ने मतदान का बहिष्कार भी किया.

कैसा रहा मतदान ?

जदयू की सिटिंग सीट होने के बावजूद मतदान के पहले से ही जोकीहाट में राजद की बढ़त मानी जा रही थी. वजह सीमांचल के इलाके में पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन का प्रभाव और उनके छोटे बेटे शाहनवाज का राजद से उम्मीदवार होना है. लेकिन पिछले 18 साल से अपने कब्ज़े वाली सीट को बचाने के लिए जदयू ने कोर कसर बाकि नहीं छोड़ी. चुनाव में कुल 9 उम्मीदवारों में से 7 मुस्लिम है. एक बात तय है कि 70 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी वाले जोकीहाट में जीत किसी मुस्लिम की ही होगी. जोकीहाट में लगभग 2 लाख 70 हजार वोटर हैं जिनमे से 53 फ़ीसदी ने मताधिकार का प्रयोग किया है. हाल ही में हुए अररिया लोकसभा उपचुनाव के दौरान जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र में 62 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी. लेकिन रमजान और गर्मी का असर वोटिंग पर देखने को लगा..

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क्या कहता है वोटों का गणित ?

जोकीहाट में कम मतदान होने से सस्पेंस बढ़ गया है. जदयू शुरू से ही जीत के लिए राजद के अलावे अन्य मुस्लिम उम्मीदवारों को मिलने वाले वोट पर टकटकी लगाये बैठा है. राजद उम्मीदवार की बढ़त वोटिंग के दौरान भी महसूस की जा सकी लेकिन भितरघात की आशंका ने उनकी भी धडकनें बढ़ा दी है. शाहनवाज के भाई सांसद सरफ़राज़ आलम अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाहते थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. यही वजह रही कि सरफराज अंतिम दो दिनों में ही प्रचार में सक्रिय हो पाए. शाहनवाज के ही परिवार से आने वाले निर्दलीय उम्मीदवार सब्बीर भी उनके ही वोटों में सेंधमारी करेंगे. जदयू उम्मीदवार मुर्शिद आलम को छोड़ दें तो बाकि सभी मुस्लिम उम्मीदवार भी शाहनवाज का ही वोट काटेंगे.

राजद के लिए बड़ा सस्पेंस

वोटिंग के कम प्रतिशत और वोट कटवा उम्मीदवार अगर राजद को झटका देने की स्थिति में ला सकते हैं तो नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने से मुसलमान वोटरों में आई नाराजगी का फायदा भी राजद को जीत दिला सकता है. मतदान को करीब से देखने वाले एक्सपर्ट की राय में वोटों का अंतर कम हो सकता है लेकिन जीत राजद की तय है.

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जदयू की स्थिति

कम वोटिंग से जदयू को जीत की उम्मीद बढ़ गई है. जदयू ने लगातार अपने बड़े नेताओं को हर तरह की रणीनीति के साथ जोकीहाट में लगाये रखा था. पिछले चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहे उम्मीदवार रणजीत यादव को अपने खेमे में किया. मुस्लिम वोटरों को जोड़ने के लिए नए नवेले एमएलसी खालिद अनवर को भी मैनेजमेंट में लगाया.

फोटो फिनिश का है इंतजार

31 मई को जोकीहाट का चुनाव नतीजा एक साथ कई सियासी सवालों का जवाब देगा. सभी को इंतज़ार अब फोटो फिनिश का है लेकिन जोकीहाट उप चुनाव में हुए धनबल के खेल को देखकर इतना तो कहा ही जा सकता है कि जोकीहाट ने बिहार की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ने की शुरुआत कर दी है.

 

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