KAIMUR : जिले में वृद्धजनों, दिव्यांगों ,मानसिक रोगियों और विकलांगता से ग्रसित रोगियों के इलाज के लिए चलाए जा रहे बुनियाद संजीवनी सेवा वैन इन लोगों के इलाज के जगह पर अब सामान ढोने के काम आ रहा है. यह गाड़ी प्रत्येक पंचायतों में वैसे रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सकों का दल लेकर जाता है जो असहाय, वृद्ध, विकलांग और दिव्यांग हैं. वैसे मरीज जो अस्पतालों तक आने में असमर्थ हैं उनके चिकित्सा और फिजियो थेरेपी की सुविधा इस वैन के माध्यम से उनके पंचायत में पहुंचाया जाता है.
लेकिन कैमूर जिले के भभुआ समाहरणालय में यह गाड़ी चिकित्सकों की जगह कंबल ढोते हुए नजर आया. इस विभाग के अधिकारी मानते हैं कि दूसरे वाहनों का सामान ढुलाई में प्रयोग करने पर खर्चा बढ़ेगा. इसलिए यही वाहन सामानों की ढुलाई के लिए बेहतर है.
वहीँ बुनियाद संजीवनी सेवा वाहन का चालक बताता है भभुआ से दो बंडल यानी 50 पीस कंबल वितरण करने के लिए मोहनिया लेकर जा रहे हैं. जबकि इस वाहन को मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी बताते हैं हम लोग जिला मुख्यालय से कंबल लेकर मोहनिया जा रहे हैं. जो भिक्षुओं के बीच मोहनिया अनुमंडल में वितरित होगा. उन्होंने बताया की यह बुनियाद संजीवनी सेवा वाहन है, इसमें फिजियोथेरेपी, ऑडियोलॉजी और आंख जांच के साथ बुजुर्ग, विधवा का जांच किया जाता है. इसे पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर सेवाएं नि:शुल्क सरकारी स्तर से देने का निर्देश है. कंबल ढ़ोना तो सही नहीं है लेकिन एक दो बंडल के लिए गाड़ी कैसे हायर करेंगे. फिर कैसे भाउचर बनाएंगे. इस वजह से 25- 25 पीस का 2 बंडल लेकर जा रहे हैं.
कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट...