कलंकः बक्सर DAO ने पत्नी को बनाया धनकुबेर, मोतिहारी में पदस्थापित रहे 'कृषि विभाग' के अफसर भी कम नहीं...'वाइफ' के नाम अर्जित संपत्ति को छुपाया

PATNA: बिहार के भ्रष्ट अफसरों ने रिश्वत के पैसे से अकूत संपत्ति अर्जित की है। सरकार की जांच एजेंसी लगातार वैसे भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई कर रही है। निगरानी ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई और आर्थिक अपराध इकाई का एक्शन लगातार जारी है। जांच एजेंसियों की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों की नींद गायब हो गई है। दो दिन पहले निगरानी ब्यूरो ने बक्सर के भ्रष्ट जिला कृषि पदाधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। रेड में बिहार से लेकर मुंबई तक प्लॉट-फ्लैट के कागजात मिले हैं. वैसे कृषि विभाग के अधिकारी दूसरे विभाग के धनकुबेर अफसरों से कम नहीं हैं. बक्सर डीएओ के अलावे इस विभाग के कुछ अन्य अफसर हैं जो काली कमाई कर पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति को छुपाये बैठे हैं। बक्सर के डीएओ के साथ-साथ आज हम इसी रैंक के अन्य अफसर की संपत्ति के बारे में बतायेंगे। वो अधिकारी कुछ महीने पहले तक मोतिहारी में पदस्थापित रहे हैं.
बक्सर डीईओ काली कमाई के कुबेर निकले
सबसे पहले बक्सर के जिला कृषि पदाधिकारी की संपत्ति जान लीजिए। इन्होंने सरकार की नजरों से बचने के लिए पत्नी के नाम पर संपत्ति अर्जित की, लेकिन बच न सके. दो दिन पहले ही निगरानी ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में केस दर्ज कर छापेमारी की थी. बक्सर के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के ठिकानों पर निगरानी ब्यूरो ने छापेमारी की तो अकूत संपत्ति का पता चला है . भ्रष्ट जिला कृषि पदाधिकारी ने नवी मुंबई में फ्लैट खरीदा है. इसके अलावे वैशाली और सारण में जमीन के 18 प्लॉट की खरीद की है .यह सभी जमीन जिला कृषि पदाधिकारी ने अपनी पत्नी के नाम से खरीदा. जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर निगरानी ने आय से 9019483 रुपए अधिक अर्जित करने की एफ आई आर दर्ज की है. नवी मुंबई के फ्लैट को जोड़कर उनकी अचल संपत्ति ₹16019483 आंकी गई है.स्वयं के नाम पर बैंक में 11 लाख जमा है, तीन लाख का फिक्स डिपोजिट और अन्य वित्तीय संस्थानों में 30 लाख के निवेश के प्रमाण मिले हैं.
मोतिहारी में पदस्थापित रहे कृषि विभाग के अफसर भी चालाक
अब जरा कृषि विभाग के दूसरे अधिकारी के बारे में जान लें. वो अधिकारी कुछ महीने पहले तक मोतिहारी में जिला स्तरीय अधिकारी के तौर पर पदस्थापित थे। लेकिन सरकार ने पांच महीने पहले ही उन्हें वहां से हटा दिया। वर्तमान में वे कहां हैं पता नहीं। उनके बारे में और जान लें. वे रोहतास जिले के रहने वाले बताए जाते हैं. उन्होंने भी अपनी पत्नी के नाम पर जमीन की खरीद की है। जो कागजात मिले हैं उसके अनुसार, 2019 में कृषि विभाग के अधिकारी ने अपनी पत्नी के नाम पर करीब 19 डिसमिल जमीन की खरीद की है। कागजात में उस जमीन का मूल्य 240000 रू बताई गई है। 2021-22 में कृषि(उद्धान) के उस अधिकारी ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें इस संपत्ति का जिक्र नहीं किया है। कई अन्य संपत्ति भी अर्जित किये जाने की जानकारी लगी है। संपत्ति के ब्योरा में उस संपत्ति को क्यों छुपाया, यह वही बता सकते हैं. लेकिन पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति को छुपाना अपराध है और उसे अवैध तरीक से अर्जित संपत्ति की श्रेणी में रखा जाता है।