SHEKHPURA : बेदर्द ममता ने अपने कलेजे के टुकड़े को मरने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। लेकिन मारने वाला से बड़ा बचाने वाला होता है। यह वाकया एक बार फिर साबित हो गया। दरअसल शेखपुरा रेलवे स्टेशन पर एक कलयुगी मां ने अपने कलेजे के टुकड़े जैसे नवजात बच्ची को मरने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। लेकिन जब बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दिया तो वहां से गुजर रही कुछ बंजारन महिलाओं की नजर बच्चे पर गई।
वे बच्चे लेकर शेखपुरा स्टेशन पर पहुंच गई और इसकी सूचना स्टेशन मास्टर सहित अन्य लोगों को दिया। जिसके बाद स्टेशन प्रबंधक द्वारा इसकी सूचना बाल संरक्षण इकाई को दिया गया। जिसके बाद बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर बच्ची को बंजारन से लेकर उसकी उचित इलाज को लेकर सदर अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया। जहां बच्ची का इलाज चल रहा है।
इस संबंध में बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि 2 माह तक बच्ची को रखा जाएगा। इसके मां पिता की पहचान को लेकर कार्रवाई भी की जाएगी। अगर 2 माह तक इसके माता-पिता की पहचान नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में दत्तक केंद्र नालंदा में बच्ची को परवरिश के लिए भेज दिया जाएगा। बच्ची मिलने के बाद काफी संख्या में रेलवे स्टेशन पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शेखपुरा से दीपक की रिपोर्ट