BAGAHA : बगहा में नारायणी गंडक नदी के कटाव से लोगों में दहशत का माहौल है. इसके मद्दनेजर आज नदी तट पर ग्रामीणों द्वारा पूजा अर्चना और हवन किया गया. बताया जा रहा है कि नारायणी गंडक नदी के कहर से बचाव को लेकर ग्रामीण नारायण भगवान और गंगा मईया के शरण में पहुंचे. जहाँ ग्रामीण अब पूजा अर्चना कर गंगा मईया से बचाव को लेकर आरज़ू मिन्नत में जुटे हैं.
दरअसल इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मिकीनगर गंडक बराज से तीन दिन पूर्व छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी से अब निचले इलाकों में कटाव जैसी तबाही मचा रखा है. हालाकि आज गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से जलस्तर में गिरावट के बाद 1.84 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके बावजूद गंडक नदी का रौंद्र रूप अब खेती वाली ज़मीन पर कटाव जैसी तबाही मचा रही है. बगहा दो प्रखंड के नौरंगिया दरदरी पंचायत के मिश्रौली कोतरहा रेता में गंडक नदी का भीषण कटाव ज़ारी है.
बताते चलें कि गंडक नदी के कटाव से किसानों के हजारों एकड़ खेत में लगे गन्ना और धान के फसल नदी में बदस्तूर विलीन हो रहे हैं. जिसको लेकर ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग और प्रशासन को सूचना दे दिया है. हालाँकि अभी कोई बचाव राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. नतीजतन फसल लगी ज़मीन पर कटाव से बचाव को लेकर महिलाओं ने गंगा मईया का पुजा अर्चना शुरू किया. नदी तट पर सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुषों ने गंडक नदी किनारे पूजा अर्चना किया. साथ ही गंगा मईया से कटाव से बचाव की दुहाई मांग रहे हैं.
अब गंडक नदी के कटाव से चिंतित इलाक़े के किसान और ग्रामीण महिलाओं के साथ जिस तरह यहां सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते बग़ैर मास्क पहने अंधविश्वास के मकड़जाल में उलझे हैं. उससे जल संसाधन विभाग की लापरवाही बरतने पर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं. देखना होगा कि गंडक नदी के कटाव से बचाव राहत कार्य यहां कब शुरू किए जाते हैं या फ़िर गंगा मईया की पूजा अर्चना और हवन से भगवान नारायण की कृपा नारायणी पर कितना प्रभावी होता है.
बगहा से नागेन्द्र नारायण की रिपोर्ट