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तारिक अनवर की गढ़ है कटिहार सीट, नीतीश इस बार बीजेपी के कमल पर चलाएंगे तीर, सीट बंटवारे को लेकर इस बार के समीकरण देखें

तारिक अनवर की गढ़ है कटिहार सीट, नीतीश इस बार बीजेपी के कमल पर चलाएंगे तीर, सीट बंटवारे को लेकर इस बार के समीकरण देखें

कटिहार- सीमांचल के महत्वपूर्ण जिला कटिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से ही राजनीतिक तपिश बढ़ने लगी है, खासकर इंडिया गठबंधन भले ही राष्ट्रीय स्तर पर एकता का दावा कर ले लेकिन कटिहार लोकसभा सीट पर जदयू काबिज होने के बावजूद कांग्रेस,राजद और माले भी अपना-अपना दावा कर रहे हैं, ऐसे में इंडिया गठबंधन की राजनीतिक सुर, जमीनी स्तर पर बिखरती दिख रही है ,दरअसल कटिहार के राजनीतिक समीकरण भी कुछ ऐसा ही है, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व सांसद तारिक अनवर लोकसभा चुनाव को लेकर हमेशा कटिहार को ही अपना कर्मभूमि चुनते रहे हैं, इस बीच पिछले चुनाव में भी वर्तमान जदयू सांसद दुलालचंद गोस्वामी भाजपा के सहयोग से कांग्रेस नेता तारिक अनवर को साथ देकर सांसद बने थे, इसलिए कांग्रेस भी अपने दिग्गज नेता के लिए एक बार फिर इस सीट के मांग कर रहा है .देश में लोकसभा चुनाव अगले साल यानी 2024 में होने हैं लेकिन उसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं. मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रही है, तो वहीं विपक्ष में अभी रायसुमारी तक नहीं हो पाई है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम पद की रेस में हैं. लिहाजा सभी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है.  

1980 में कांग्रेस की टिकट पर तारिक अनवर जीत दर्ज करके पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. 1989 और 1991 में जनता दल के प्रत्याशी ने उनको मात दी. लेकिन 1996 में उन्होंने फिर से कब्जा कर लिया और 1998 में भी वही जीते थे. 25 मई 1999 को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एनसीपी ज्वाइन कर ली और 1999 में चुनाव हार गए. 

1999 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला. बीजेपी के निखिल चौधरी ने लगातार तीन बार तारिक अनवर को मात दी. हालांकि 2014 की मोदी लहर में वह इस सीट को बचा नहीं सके. 2014 में जब पूरे देश में बीजेपी की लहर चली तो इस सीट पर एनसीपी की टिकट पर तारिक अनवर ने जीत हासिल की. 28 सितंबर 2018 को तारिक ने NCP और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और 19 साल बाद कांग्रेस में वापसी कर ली.  

हालांकि कांग्रेस नेता तारिक अनवर कहते हैं की सीट वितरण का फैसला कोर कमेटी के मीटिंग में ही होगा, लगातार कटिहार के बलरामपुर विधानसभा से विधायक रहे माले विधायक दल के नेता महबूब आलम भी इस बार बिहार में 5 से 6 सीट के साथ साथ कटिहार लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के तरफ से उनकी दावेदारी को मजबूत मान रहे हैं जबकि राजद के राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम इस मामले में खुलकर तो कुछ नहीं कहते हैं लेकिन लगातार पिछले कुछ महीनो से जिला के कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी को लेकर चर्चा यह है कि राजद भी राज्यसभा सांसद के रूप मे अशफाक करीम को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने के लिए तैयारी कर रहे है.

 इन सब के बीच वर्तमान सांसद कहते हैं कि उन्होंने काम किया है और लोग भी चाहते हैं एक बार उन्हें फिर मौका मिले और जदयू के 16 सांसद तो पहले से ही है जहां तक कांग्रेस का सवाल है कांग्रेस का सीट पारंपरिक रूप से किशनगंज का रहा है इसलिए कटिहार के लिए इंडिया गठबंधन में और कोई ऑप्शन बनता ही नहीं है फिलहाल महागठबंधन के राजनीतिक रस्सा काशी को लेकर भाजपा वेट एंड वॉच के मूड में है क्योंकि उनके पास भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों का एक लंबी फहरिस्त है।

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