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एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट की छात्रा के अपहरण मामला : मुजफ्फरपुर एसएसपी को किया पटना हाईकोर्ट ने किया तलब

एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट की छात्रा के अपहरण मामला : मुजफ्फरपुर एसएसपी को किया पटना हाईकोर्ट ने किया तलब

PATNA. पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर एल एन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा के अपहरण मामले में सुनवाई की। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें में  कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश का पालन नही किये जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए एसएसपी,मुज़फ्फरपुर को अगली सुनवाई में  तलब किया है। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने एस.एस.पी मुजफ्फरपुर के प्रतिवेदन को केवल कागजी खाना पूर्ति बताते हुए अगली तिथि 24 नवंबर को  न्यायालय में फिजिकल अपियरेंस का आदेश निर्गत किया.

सूचक की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट ने बताया कि अपहरण कांड पिछले वर्ष दिसंबर माह में  हुआ था।लगभग साल भर होने के बाद भी अब न तो उस लड़की की बरामदगी हुआ और न पुलिस ठोस कार्रवाई की।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जो एसएसपी,मुज़फ्फरपुर को निर्देश दिया था,उसका पालन नहीं किया गया। गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पुलिस के रवैये  और क्रियाकलापों पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए  कहा था कि पुलिस बिहार के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकामयाब रही है। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि ये मामला बहुत गंभीर है।तभी कोर्ट ने कहा कि इस केस को प्रत्येक शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी।

कोर्ट ने साइबर क्राइम एसपी तथा मुजफ्फरपुर के सीनियर एसपी को मिलकर इस केस की समीक्षा करने की बात कही और इस केस के लिए एक नई एसआईटी  का गठन करने की बात कही। मुजफ्फरपुर के एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा का अपहरण भगवान पुर चौक से गत वर्ष 12 दिसम्बर को हो गया था।साहेबगंज कॉलेज से सेवानिवृत्त हुये अपहृत लड़की के नाना ने मुज्जफरपुर के सदर थाना में प्राथमिकी 844/2022 दर्ज कराई। जांच में पता चला कि सोनू कुमार ने दो महिला के साथ भगवानपुर चौक से नशे का इंजेक्शन दे अपहरण कर लिया है। लड़की को चतुर्भुज स्थान में बेच दिया है।यह पता चलने के बाद भी पुलिस सोनू को पूछताछ के लिए नहीं बुलाई। बाद में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। दोनों ने पुलिस को कई तथ्यों की जानकारी दी।इसी बीच अपहृत लड़की के परिजनों ने डीजीपी, मानवाधिकार आयोग, साइबर क्राइम ब्रांच से गुहार लगाई।लेकिन कही से कुछ नहीं हुआ। 

साइबर क्राइम ब्रांच ने इस केस के अनुसन्धानकर्ता पुलिस अधिकारी को दो तीन बिंदुओं पर जांच करने की सलाह दी।कही से कुछ होता नहीं देख परिजनों ने पटना हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर बच्ची को बरामदगी की गुहार लगाई। कोर्ट ने कहा कि संवेदनशील मामले में अनुसन्धान में लापरवाही बरती गई . अनुसन्धान रिपोर्ट देख कोर्ट आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या पुलिस ऐसे अनुसन्धान करती हैं।इस मामलें में संदिग्धों से सही ढंग से पूछताछ तक नहीं किया गया।यहां तक कि इस घटना के किंगपिन माने जाने वाले को पुलिस रिमांड पर नहीं  ली। कोर्ट ने पुलिस साइबर क्राइम यूनिट को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया।साथ ही एसएसपी को इस बात का पता लगाने का आदेश दिया था कि इस केस के आईओ ने पूर्व में दिये गए निर्देशों का पालन किया था या नहीं।यदि नहीं किया,तो आईओ के खिलाफ जिम्मेदारी सौंप कार्रवाई करें।

कोर्ट ने साइबर सेल को एसआईटी की मदद से इस केस के अभियुक्तों को चिन्हित करने का आदेश दिया।  मुज़फ्फरपुर के एसएसपी को फिर से एसआईटी का गठन करने उन सभी जगहों की तलाशी लेने का आदेश दिया,जहाँ अपहृत लड़की के होने की संभावना है। कोर्ट ने इस केस में गिरफ्तार दोनों महिला का कोर्ट में क्यों नहीं ब्यान दर्ज कराया गया, इस की भी जांच करने का आदेश दिया।  कोर्ट ने आदेश की प्रति मुज्जफरपुर के एसएसपी और आर्थिक अपराध शाखा के एसपी को भेजने का आदेश दिया। इस मामलें पर अगली सुनवाई 24 नवंबर,2023 को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरविंद कुमार ने  बहस की ।

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