डेस्क... कृषि कानून को लेकर अब देश के किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। शनिवार को सरकार के साथ हुई बैठक भी बेनतीजा ही निकाला। इस बीच किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वन किया है। वहीं 9 दिसंबर को अब सुबह 11 बजे फिर सरकार और किसान नेताओं की बातचीत होगी। वहीं इससे पहले शनिवार को हुई बैठक में सरकार ने किसानों से समय मांगा।
कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है। किसान नेताओं ने शनिवार की बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे। हम (किसान) आपस में इस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी। वहीं, किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हम कानून रद्द करा कर ही मानेंगे। इससे कम पर हम मानने वाले नहीं हैं।
किसान सरकार से अब हां या ना में जवाब चाह रहे हैं। शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता शांत बैठ गए थे जबकि मंत्री आपस में बात करने के लिए बाहर चले गए थे। किसान नेता एक पन्ने पर हां या ना यानी यस या नो लिखकर बैठे थे। किसान संगठनों ने सरकार से कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है। सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है। किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं।
वार्ता के दौरान किसान नेता सरकार से बेहद नाराज नजर आए। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं। किसान संगठनों ने बैठक में कहा कि हम सरकार से चर्चा नहीं, ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में। अब तक बहुत चर्चा हो चुकी है।
इस बीच किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान दस दिनों से डटे हुए हैं और तमाम मसलों को लेकर पांच बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है। मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है।