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KK पाठक ने नवनियुक्त शिक्षकों को दी चेतावनी... संघ बनाया तो जाएगी नौकरी...तथाकथित ' मा. एवं उच्चतर माध्यमिक BPSC अध्यापक संघ' को किया अमान्य, प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस

KK पाठक ने नवनियुक्त शिक्षकों को दी चेतावनी... संघ बनाया तो जाएगी नौकरी...तथाकथित ' मा. एवं उच्चतर माध्यमिक BPSC अध्यापक संघ' को किया अमान्य, प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस

PATNA : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से हाल ही में 01 लाख 20 हजार विद्यालय अध्यापकों का चयन किया गया है। इनविद्यालय अध्यापकों को अभी कुछ दिन पूर्व 02 नवम्बर 2011 को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया है। अभी इनका विद्यालय पदस्थापन नहीं हो पाया है, अतः इन्होंने अभी तक एक भी कक्षा में अध्यापन का कार्य प्रारम्भ नहीं किया है।

विभाग की ओर से बताया गया है की संज्ञान में यह भी बात आई है कि यद्यपि इन विद्यालय अध्यापकों (बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित) ने अभी तक अध्यापन का कार्य प्रारंभ भी नहीं किया है, किन्तु "संघ" पहले ही बना लिया। शिक्षा विभाग ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। विभाग इस प्रकार के किसी भी संघ को तुरन्त अमान्य करार देता है। इसी क्रम में यह संज्ञान में आया है कि "माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ नामक तथाकथित संघ स्थापित किया गया है। इस प्रकार का संगठन पूर्णतया गैर-कानूनी है और इसे शिक्षा विभाग द्वारा किसी प्रकार की मान्यता नहीं दी गई है।

यह भी बताया गया है की तथाकथित "माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ की प्रदेश अध्यक्ष बबीता चौरसिया (बबीता कुमारी) को कारण पृच्छा किया गया है क्यों नहीं इनका औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द किया जाए (कारण पृच्छा संलग्न है)। शिक्षा विभाग, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित नवनियुक्त विद्यालय अध्यापकों को पुनः सख्त चेतावनी देता है कि किसी भी प्रकार के संघ (निबंधित अथवा गैर निबंधित) का न सृजन करें और न ही उसका हिस्सा बनें। "बिहार विद्यालय अध्यापक नियमावली, 2023" की धारा-17 के आचरण संहिता की कंडिका - vii की ओर इन विद्यालय अध्यापकों का ध्यान आकृष्ट किया जाता है। उक्त आचरण संहिता तहत सभी विद्यालय अध्यापकों पर "बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता, 1976" लागू होती है। उक्त आचार संहिता में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई सरकारी सेवक किसी प्रकार के संघ / संगठन इत्यादि नहीं बनाएंगे और किसी प्रकार का आंदोलन / प्रदर्शन नहीं करेंगे।

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित विद्यालय अध्यापकों को पुनः "सख्त चेतावनी दी जाती है कि वे किसी भी प्रकार का संघ / मंच न बनाएं और न ही इस प्रकार के संघों को बनाते हुए अपने पैड छपवाएं, अन्यथा उनकी औपबंधिक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से "निरस्त" की जाएगी। बबीता चौरसिया के विरुद्ध जो कार्रवाई की गई है, उसे बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित विद्यालय अध्यापको को सूचित किया जा रहा है और इस मंशा के साथ सूचित किया जा रहा है कि वे किसी भी प्रकार की ऐसी गतिविधि से सीधे अथवा परोक्ष तौर पर नहीं जुड़े, अन्यथा इन विद्यालय अध्यापकों की औपबंधिक नियुक्ति रद्द की जा सकती है।

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