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के के पाठक जायेंगे,उनके खिलाफ बात नीतीश के दरबार तक पहुंची..कई मोर्चे खोले गए

के के पाठक जायेंगे,उनके खिलाफ बात नीतीश के दरबार तक पहुंची..कई मोर्चे खोले गए

पटना: पिछले कुछ दिनों से बिहार के एक IAS अफसर लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. केके पाठक की छवि पावर लॉबी में ऐसे अफसर की है, जो हमेशा विवादों में रहे हैं.  मंत्रियों और राजनेताओं से उनकी तकरार कोई नई बात नहीं है. राजभवन ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सोमवार को दस बजे बुलाया. राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आधा गंचा इंतजार किया . पाठक नहीं पहुंचे. इसी बीच पाठक ने चुनाव आयोग को चिठ्ठी लिख कर सलाह दे दी.

विश्वविद्यालयकर्मियों के वेतन और पेंसन का मामला पहुंचा सीएम के पास

विश्वविद्यालय के खातों पर में शिक्षा विभाग के रोक के कारण वेतन के साथ बुजुर्ग पेंशनर्स की समस्या बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेंशनर्स को पहले सप्ताह में पेशन मिल जाना चाहिए. वहीं राजभवन से केके पाठक के  विवाद  के कारण विश्वविद्यालय के शिक्षक वेतन और पेंशन से जुड़ी समस्या के लिए सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं. हाल में बिहार राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने वेतन और पेंशन भुगतान में देरी पर निराशा व्यक्त की. महासंघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप की अपील की. राज्यपाल और कुलाधिपति के अधिकारों को चुनौती देने के लिए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक लगातार विवादों में चल रहे हैं. यूनिवर्सिटी के शिक्षक पिछले तीन महीने से वेतन और पेंशन भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) के कार्यकारी अध्यक्ष कन्हैया बहादुर सिन्हा और महासचिव सह विधान पार्षद संजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ये साफ कहा है कि सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों सहित उनके आश्रितों को तत्काल भुगतान कराया जाए.

बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ का केके पाठक पर आरोप

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा राजभवन के अधिकारों को लगातार चुनौती दी जा रही है.  महासंघ ने सबसे बड़ी अपील जो नीतीश कुमार से की है, वो ये है कि केके पाठक सारी सीमा लांघ चुके हैं. इन्हें शिक्षा विभाग में बनाए रखना पूरी तरह अनुचित है.  संघ ने इस बात पर जोर भी दिया है कि राज्यपाल हमेशा विस्वविद्यालय के सर्वोच्च पद पर होते हैं. कुलाधिपति विश्वविद्यालय में किसी भी पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए आवश्यक अध्यादेश और विनिमय को भी मंजूरी देते हैं. इसके अतिरिक्त, उनके पास निरीक्षण, शैक्षणिक और प्रशासनिक मामलों के संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार है। कुल मिलाकर राजभवन से सीधी लड़ाई करने वाले केके पाठक के खिलाफ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने एक फ्रंट खोल दिया है.

चुनाव आयोग को केके पाठक ने दी सलाह

पटना- राज्यपाल की बैठक में केके पाठक के नहीं पहुंचने का मामला अभी ठंड़ा भी नहीं पड़ा था कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने  चुनाव आयोग को सलाह दे दी है. केके पाठक ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को चिठ्ठी लिखकर कहा है कि उनके विभाग में आउटसोर्सिंग के जरिए तैनात अस्थायी कर्मियों को लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में लगाना अनुचित है.अपर मुख्य सचिव  केके पाठक ने ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  से कहा है कि वे सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी  को निर्देश दें कि ऐसे स्टाफ को लोकसभा चुनाव के काम में ना लगाया जाए.

के के पाठक ने कहा किआउटसोर्सिंग के माध्यम से अस्थायी रूप से नियुक्ति कर्मियों को चुनाव के कार्य में लगाना उचित नहीं 

केके पाठक ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से अस्थायी रूप से नियुक्ति कर्मियों को चुनाव के कार्य में लगाना उचित नहीं है. पाठक ने अपने पत्र में चुनाव आयोग को बताया है कि राज्य में पर्याप्त संख्या में शिक्षक और शिक्षा कर्मी हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में लगाया गया है.केके पाठक ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से आग्रह किया है कि वो अपने स्तर से जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दें कि शिक्षा विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाए.

भीषण गर्मी में स्कूल खोलने पर विवाद

केके पाठक के खिलाफ प्राथमिक शिक्षा संघ सहित विभिन्न शिक्षक संगठनों ने भी मोर्चा खोल रखा है. शिक्षकों का कहना है कि गर्मी की छुट्टी के दौरान भी विभिन्न तरह के कार्य उनके ऊपर लाद दिए गए हैं. गर्मी छुट्टी के दौरान विद्यालय में शिक्षकों को सुबह आठ बजे तक पहुंचना होगा. सुबह 10 बजे के बाद बच्चों को मध्याह्न भोजन कराने के बाद ही शिक्षक विद्यालय छोड़ सकेंगे. हर रोज अपर मुख्य सचिव केके पाठक सहित अन्य अधिकारी इसकी समीक्षा भी करेंगे. प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में विशेष कक्षा संचालित की जाएग

कहा जाता है कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अधिकारी में से एक हैं. महागठबंधन की सरकार बनने पर 2015 में पाठक को दिल्ली से नीतीश ने बुलाया था. लेकिन कथित तौर पर केके पाठक के कारण कहीं न कहीं नीतीश सरकार की फजीहत हो रही है. ऐसे में देखना होगा नीतीश एसीएस पर क्या एक्शन लेते हैं.

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