नई दिल्ली। योगगुरू बाबा रामदेव ने आयुर्वेदिक शोध के बाद कोरोना की नई स्वदेशी दवा लॉन्च की है. पतंजलि का का दावा है कि नई दवा पूरी तरह अनुसंधान और शोध पर आधारित है. नई दवा के लॉन्च पर बाबा रामदेव के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे . नई दवा का नाम भी कोरोनिल ही है. पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल टैबलेट से कोविड का 100 फीसदी इलाज संभव होगा.
भारतीय आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है. पतंजलि का कहना है कि नई कोरोनिल दवा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन से भी सर्टिफाइड है. दवा लांच करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि हमें योग और आयुर्वेद का डंका पूरे विश्व में बजवाना है. इसकी रिसर्च बेस्ड ट्रीटमेंट और चिकित्सा पद्धति को अब पूरा विश्व अपना रहा है.
आयुर्वेदिक को हेय दृष्टि से देखना गलत
कोरोना की नई दवा लॉन्च पर बाबा रामदेव ने कहा आयुर्वेदिक को हमेशा हेय दृष्टी से देखा जाता है. तीन दशकों से इस पर सवाल उठते रहे, जब मैंने आयुर्वेद के बारे में कहा था की इससे बीमारियों को कंट्रोल नहीं खत्म भी किया जा सकता हैं। अब सारे सर्टिफिकेशन के साथ हमारे पास 250 से अधिक रिसर्च पेपर है, अकेले कोरोना के ऊपर 25 रिसर्च पेपर है। अब दुनिया का कोई भी ऑर्गेनाइजेशन हम पर सवाल नहीं उठा सकता। बाबा रामदेव ने कहा की लोगों को लगता है अच्छा रिसर्च सिर्फ विदेशों में ही हो सकता है जबकि कोरोनिल के जरिए लाखों लोगों की जान को बचाया जा सकता है. आयुर्वेद किसी भी तरह से अंग्रेजी दवा से कम नहीं है, कोरोनिल को लेकर हमने इसे अलग-अलग बीमारी पर इसका रिसर्च किया है।
who से भी मिला अप्रूवल
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनिल का इस्तेमाल लोग पहले से भी कर रहे है अब हमें डब्लूएचओ से भी अप्रूवल मिल गया है.हमने कोरोनिल दवा का निर्माण वैज्ञानिक पद्धति से किया है. अब हम दूसरे देशों में इसका एक्सपोर्ट करेंगे . बाबा रामदेव ने कहा कि हेल्थ के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर और ग्लोबल लीडर बन रहा है, योग और आयुर्वेद को हम वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, पतंजलि ने सैकड़ों रिसर्च पेपर अब तक पब्लिश किए हैं, आज योग, आयुर्वेद और यौगिक क्रियाओं को पूरी दुनिया मान रहा है क्यूंकि यह वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'पतंजलि के अनुसंधान से देश को फायदा तो होगा ही, आयुर्वेदिक की भी शाख बढ़ेगी. वैज्ञानिक रूप से यह काम करने के लिए मैं बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का धन्यवाद देता हूं, वैज्ञानिक आधार से शोध को लाने के बाद जनता का विश्वास अब और बढ़ेगा.
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की तारीफ करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ा है, कोरोना से पहले आयुर्वेद का मार्केट हर साल 15 फीसदी बढ़ रहा था, लेकिन कोरोना के बाद इसमें 50 से लेकर 90 फीसदी का उछाल आया है.लोग कोरोना काल में भी इसके बचाव के लिए आयुर्वेदिक के घरेलू नुस्खे को अपनाते आये है . आपको बता दे की इससे पहले भी पतंजलि ने 23 जून 2020 को कोरोना के लिए कोरोनिल लॉन्च किया था, जिसमें 7 दिन के अन्दर कोरोना के इलाज का दावा किया गया था. हालांकि लॉन्च के तुरंत बाद ही ये दवा विवादों में आ गई थी.