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कोसी के बाढ़ ने पिता को गांव छोड़ने के लिए किया मजबूर, बेटा बन गया आईपीएल का सबसे तेज गेंदबाज

कोसी के बाढ़ ने पिता को गांव छोड़ने के लिए किया मजबूर, बेटा बन गया आईपीएल का सबसे तेज गेंदबाज

SUPAUL : आईपीएल के 17वें सीजन में 155 किमी प्रति घंटे की स्पीड से गेंद फेंकनेवाले लखनऊ सुपर ज्वाइंट्स के गेंदबाज मयंक यादव की जमकर तारीफ हो रही है। जिस तरह आईपीएल में अपने डेब्यू मैच में उन्होंने गेंदबाजी की, उसके बाद न सिर्फ उनकी गिनती भारत के सबसे तेज गेंदबाज के रूप में होने लगी है, बल्कि जल्द ही टीम इंडिया में मयंक के सेलेक्शन की चर्चा भी शुरू हो गई है। ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि मयंक यादव का परिवार क्या करता है।

यूं तो मयंक यादव का परिवार नई दिल्ली में रहता है। लेकिन उनका बिहार से भी कनेक्शन है। मयंक का परिवार मूल रूप से बिहार के सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के रहने वाले हैं। कोसी के कछार पर बसे मरौना प्रखंड क्षेत्र स्थित मरौना दक्षिण पंचायत के रतहो गांव निवासी स्व हरिश्चंद्र यादव के पौत्र 21 वर्षीय मयंक का जन्म दिल्ली में हुआ. उन्होंने दिल्ली में रहकर ही 12वीं की परीक्षा पास की।

कोसी के बाढ़ ने गांव छोड़ने को किया मजबूर

हरिश्चंद्र यादव एक साधारण किसान थे लेकिन अपने पुत्रों को पढ़ाने लिखने में हमेशा रुचि रखते थे,जिस इलाके में आज भी कोसी हर साल तबाही मचाती है जहां जरूरत का सामान आज भी लोगों को मुश्किल से उपलब्ध होता है वहां का एक बेटा अपने आने वाले जेनरेशन के लिए दिल्ली कूच कर गया, जहां कठिन संघर्ष से अपने बेटे के लिए उसकी चाहत का रास्ता उपलब्ध कराया

पिता चाहते थे बेटा क्रिकेट में बनाए करियर

मयंक के पिता प्रभु यादव दिल्ली में सायरन बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं. मयंक की माता का नाम ममता यादव है जो दिल्ली की ही निवासी हैं। मयंक के पिता प्रभु यादव ने बताया कि बच्चे को किस दिशा में मोड़ना है वह उसके माता पिता पर निर्भर करता है. प्रभु यादव का शौक था की हमारा बेटा क्रिकेट बने और क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले  सचिन तेंदुलकर की तरह अपने माता पिता और देश का नाम रौशन करे. पिता ने मयंक का दिल्ली के इंद्रप्रस्थ नेशनल क्रिकेट एकेडमी में नमांकन कराया. इनके क्रिकेट गुरु देवेंद्र सर के द्वारा दिन रात मेहनत करके इसे संवारा गया


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