Bhagalpur : जिले से पुलिस की ज्यादती की एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां अपने बुजुर्ग चाचा के लिए दवा लाने जा रहे एक पत्रकार के भाई को लॉक डाउन का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए जबरन चालान काट 500 रुपये वसूल कर लिए।
बताया जा रहा है कि झारखंड के जमशेदपुर में एक निजी समाचार चैनल के जमशेदपुर ब्यूरो संतोष कुमार के माता-पिता लॉकडाउन के कारण अपने पैतृक गांव बिहार के भागलपुर के सन्हौला थाना अंतर्गत पोठिया में फंस गए है।
पत्रकार के पिता बीपी चौधरी हृदय के रोगी हैं जिनका 2012 में बाईपास सर्जरी हुआ था और उन्हें नियमित रूप से दवा लेना पड़ता है। लॉक डाउन के कारण उनकी दवाई समाप्त हो गई। जिसके बाद उनके पत्रकार पुत्र ने जमशेदपुर से ही अपने चेचेरे भाई को व्हाट्सएप पर दवा का प्रिस्क्रिप्शन भेज दिया और भागलपुर में रह रही अपनी बहन से दवा खरीदकर भाई को दे देने को कहा।
इधर मंगलवार को शाम के वक्त भाई अपने निजी बाइक से दवा लेने भागलपुर के लिए निकले। इसी बीच कोतवाली थाना पुलिस द्वारा पत्रकार के भाई को लॉक डाउन के तहत नियम तोड़ने का हवाला देते हुए जबरन 500 रुपए का जुर्माना कर दिया गया।
पत्रकार का भाई दवा लेने जाने की दुहाई देता रहा, प्रिस्क्रिप्शन दिखता रहा, मिन्नतें करता रहा, मगर सुशासन बाबू के पुलिस कर्मियों का दिल नहीं पसीजा और जुर्माना वसूलकर ही दम लिया।जबरन चालान काटने वाले पुलिसकर्मी यह भी भूल गए कि दवा और आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए लॉक डाउन में छूट दी गई है। यहां ये भी गौर करने वाली बात है कि बिहार पुलिस के इस रवैये से झारखंड में दिनरात जान हथेली पर रखकर इस वैश्विक महामारी के दौर में पत्रकारिता कर रहे पत्रकार पर क्या बीत रहा होगा।
बहरहाल बिहार पुलिस के इस शर्मनाक हरकत ने अपने इस आचरण से वैसे तमाम पत्रकारों को ठेस पहुंचाया है जो उंनसे कम संसाधनों के बीच अपने परिजनों की चिंता छोड़ इस महामारी के दौर में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।