PATNA : रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से रांची के रिम्स पहुंचकर मुलाकात की है। लालू यादव से उपेंद्र कुशवाहा की यह मुलाकात महागठबंधन में सीटों के तालमेल को लेकर अहम मानी जा रही है। उपेंद्र कुशवाहा के अलावे कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने भी आज आरजेडी सुप्रीमो से मुलाकात की है।
कांग्रेस के जरिए एंट्री से बढ़ी कुशवाहा की मुश्किलें
उपेंद्र कुशवाहा ने दो हफ़्ते पहले ही रिम्स पहुंचकर लालू यादव से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान कुशवाहा के साथ तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी भी मौजूद थे। पिछली मुलाकात के बाद कुशवाहा ने यह कहा था कि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा आराम से हो जाएगा। लेकिन जानकर बताते हैं कि कुशवाहा जिन लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार चाहते हैं उसपर आरजेडी की सहमति नहीं मिल रही। कुशवाहा की असल मुश्किल यह भी है कि महागठबंधन में एंट्री के लिए उन्होंने आरजेडी की बजाय कांग्रेस से बातचीत की। जानकार बताते हैं आरजेडी के तेवर इस बात को लेकर भी कुशवाहा पर सख्त हैं कि उसने महागठबंधन में आने के लिए कांग्रेस के रास्ते को चुना।
रालोसपा के दावे पर आरजेडी का एतराज
लालू यादव से उपेंद्र कुशवाहा का आज फिर से मिलना इस बात के संकेत दे रहा है कि रालोसपा के दावे वाली सीटों पर आरजेडी से एनओसी लेना जरूरी है। खबर तो यह भी है कि आरजेडी ने कुशवाहा से साफ - साफ कह दिया है कि किसी भी लोकसभा सीट पर दावा ठोंकने के पहले रालोसपा को अपना उम्मीदवार बताना होगा। लालू यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक इस बात के लिए कतई तैयार नहीं की महागठबंधन के किसी घटक दल को कमजोर उम्मीदवार के बूते कोई भी सीट दे दी जाए। बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा तो यही हो रही है कि एनडीए छोड़ने वाले कुशवाहा का हाल ताड़ से गिरे खजूर पर अटके जैसा हो गया है। कुशवाहा ने भले ही कांग्रेस के जरिये महागठबंधन में जगह पा ली हो लेकिन सीट हासिल करने के लिए उन्हें लालू यादव के सामने अभी काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे।