NALANDA : कोरोना के खौफ ने जहां लोगों को घर के अंदर रहने को मजबूर कर दिया है। वहीं इसने अपनों को अपनो से दूर भी कर दिया है। इसके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुसीबतें झेलकर जब प्रवासी अपने घर पहुंच रहे तो उनसे पहले कोरोना जांच कराने की बात की जा रही है।
ऐसा ही एक मामला नालंदा जिले से सामने आया है। जहां कानपुर से पैदल चलकर 7 मजदूर बिहारशरीफ अपने गांव पहुंचे। लेकिन यहां भी उनकी मुसीबतें कम नहीं हुई। परिजनों ने उनसे कुशलक्षेम पूछने के बदले स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दे दी।
इधर प्रशासन को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच उन्हें कब्जे में लेकर बिहारशरीफ रामचंद्रपुर रैन बसेरा में पहुंचा दिया।
मुसीबत के मारे श्रमिकों का कहना है कि हमलोग एक तो उत्तरप्रदेश के कानपुर से बिहारशरीफ पहुंचने में 10 दिनों तक पैदल यात्रा किये। वही यहां आकर पहले तो परिजनों ने उन्हें ठुकरा दिया। वहीं अब उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन में डालने की बात कही जा रही है।
नालंदा से राज की रिपोर्ट