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रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर लाल कृष्ण आडवाणी ने दो खास लोगों को दिया धन्यवाद, पीएम मोदी का नहीं है नाम

रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर लाल कृष्ण आडवाणी ने दो खास लोगों को दिया धन्यवाद, पीएम मोदी का नहीं है नाम

DESK. अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने इसे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया है. राम मंदिर आंदोलन के जनक रहे आडवाणी ने पुराने दिनों को याद करते हुए एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने इस पूरे आन्दोलन में सहयोग के लिए दो खास लोगों के प्रति आभार जताया है. हालांकि उन दो लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं है. राम मंदिर आदोलन को लेकर शुरू की गई अडवाणी की यात्रा को बीते 33 साल हो गए हैं. अब इस यात्रा और उसके बाद के घटनाक्रमों को आडवाणी ने पत्र में याद किया है. 

आडवाणी बोले- मंदिर मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना : आडवाणी ने अपने पत्र की शुरुआत में  लिखा- मेरे पास शब्द नहीं है। हम इस मंदिर के सपने को साकार करने की कगार पर हैंं। श्री राम मंदिर बनाना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना था। 22 जनवरी को पीएम मोदी ने मंदिर की स्थापना की। मैं धन्य महसूस करता हूं कि इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनूंगा। मेरे लिए और करोड़ों भारतीयों की श्री राम के  प्रति श्रद्धा रही है।

रामराज्य की अवधारणा अच्छाई का प्रतीक : उन्होंने लिखा- श्रीराम भारत की भावना का प्रतीक हैं। भारत की सच्ची भावना और भारतीयता हैं। श्रीराम के जीवन की कहानी, रामायण, बेहतर जीवन का स्त्रोत है। ऐसे में पिछले 500 सालों से मंदिर का पुनर्निर्माण हो रहा है।

राजनीतिक सफर में राममंदिर आंदोलन एक निर्णायक परिवर्तन : राम जन्म भूमि के लिए आंदोलन मंदिर बनने पर सार्थक साबित हुआ। आजादी के बाद मंदिर आंदोलन में परिवर्तन आया है। उन्होंने लिखा- मेरे राजनीतिक सफर में राम मंदिर आंदोलन सबसे निर्णायक घटना थी। इस आंदोलन से मुझे भारत की नये सिरे से खोज का मौका मिला। मुझे किस्मत ने एक जरूरी जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया, जो सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा का रूप है।

राम जन्म भूमि पर श्री राम मंदिर बनाना भाजपा का सपना : अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर बनाना भाजपा का सपना ही नहीं था, मिशन भी था। 1980  के दशक के बीच अयोध्या मंदिर का मुद्दा चर्चा में आ गया। मुझे वह समय याद आता है जब, गांधी, सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद ने कई मुश्किल के बाद भी स्वतंत्र भारत में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया।

सोमनाथ की तरह अयोध्या भी हमले का निशाना बनी : आडवाणी ने अपने पत्र में लिखा- दुख है कि सोमनाथ जैसा अयोध्या भी एक हमले का निशाना बनी थी। बाबर ने अपने सेनापति मीर बाकी को अयोध्या में एक मस्जिद बनाने का आदेश दिया था। पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि वहां पहले से ही मंदिर था, जिसे मस्जिद बनाने के लिए तोड़ा गया।

दीनदयाल उपाध्याय के अवसर पर शुरू की राम रथ यात्रा : एल. के. आडवाणी राम रथ के मौके को याद कर लिखते हैं कि 12 सितंबर 1990 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राम रथ यात्रा 10 हजार किलोमीटर की होगी। जो दिनदयाल उपाध्याय के जयंती के अवसर पर 25 सितंबर को शुरू होगी।

पांच हफ्ते हिरासत में रहे आडवाणी : लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा 24 अक्टूबर को यूपी के देवरिया जिले में प्रवेश करने वाली थी। लेकिन 23 अक्टूबर को बिहार के समस्तीपुर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस समय बिहार लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में जनता दल सरकार में थी। यहां उन्हें एक बंगले में नजर बंद कर लिया गया। इसकी सूचना आडवाणी की बेटी को काफी देर से मिलती है। आडवाणी के ड्राइवर ने उनकी बेटी प्रतिभा को उनकी गिरफ्तारी के बारे में बताया। आडवाणी को पांच हफ्तों तक गिरफ्तार करके रखा गया।

33 वर्ष बाद न्याय मिला : आडवाणी अपने पत्र में लिखते हैं- मेरी श्री राम रथ को 33 साल हो गए। तब से लेकर अब तक बहुत कुछ हुआ। इसमें कानूनी लड़ाई भी शामिल थी। मैं और मेरे साथियों को फंसाया गया, लेकिन 3 दशक बाद 30 सितंबर 2020 को हमें सीबीआई की विशेष अदालत ने विभिन्न आरोपों से बरी कर दिया। इस पत्र में उन्होंने दो लोगों को खास धन्यवाद दिया। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बहुत खुश हूं। अब राम मंदिर भी बन गया है। मेरी इस यात्रा में साथ देने के लिए स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और मेरी दिवंगत पत्नी कमला का धन्यवाद।

राम मंदिर वैश्विक शक्ति बनने का मार्ग है : आखिर में लालकृष्ण आडवाणी लिखते हैं- भारत के और महान बनने और विश्व शक्ति बनने का राम मंदिर एक रास्ता है। मैं श्रीराम के चरण कमलों में प्रणाम करता हूं। प्रभु राम सभी को आशीर्वाद दें। जय श्री राम!


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