PATNA : उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) बनाने का काम उस समय शुरू हुआ था, जब लालू प्रसाद तत्कालीन यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. उन्होंने कहा की लालू प्रसाद उस समय इतने ताकतवर थे कि राष्ट्रपति कलाम को विदेश प्रवास के समय आधी रात को जगा कर बिहार विधानसभा को भंग करने के आदेश पर दस्तखत करा लिए गए थे.
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मोदी ने कहा कि जब यूपीए सरकार एनपीआर बनाने पर काम कर रही थी, तब लालू प्रसाद ने इसका विरोध क्यों नहीं किया? अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर का एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) से कोई संबंध नहीं है, तब लालू प्रसाद समाज के एक वर्ग को गुमराह कर तनाव फैलाने पर क्यों तुले हैं?
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उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा था कि एनपीआर के बाद एनआरसी पर काम शुरू होगा, लेकिन तब सरकार में शामिल लालू प्रसाद ने चुप्पी क्यों साधी ? उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि एनपीआर बनाने के दौरान जब किसी से न कोई दस्तावेज मांगा जाना है, न पहचान का प्रमाण देना है, तब लालू प्रसाद और कांग्रेस के लोग इसका हौव्वा खड़ा कर वोटबैंक की राजनीति क्यों कर रहे हैं?
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अगर विकास की योजनाएं बनाने के लिए जनसंख्या रजिस्टर बनाना यूपीए सरकार के समय सही था, तब यही काम एनडीए सरकार के समय गलत क्यों बताया जा रहा है? दरअसल लालू प्रसाद को विकास नहीं सिर्फ समाज को बांट कर सत्ता पाने वाली राजनीति पसंद है.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट