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लालू-राबड़ी राज और शिल्पी-गौतम हत्याकांड,तेजस्वी के मामा 'साधु' के आवास में मिली थी लाश,कईयों ने लूटी थी अस्मत चित्कार उठा था बिहार

लालू-राबड़ी राज और शिल्पी-गौतम हत्याकांड,तेजस्वी के मामा 'साधु' के आवास में मिली थी लाश,कईयों ने लूटी थी अस्मत चित्कार उठा था बिहार

PATNA: बात करीब 21 साल पहले की है। 3 जुलाई 1999 को राजधानी पटना में तब के एक बाहुबली विधायक के गैराज से दो लाशें मिली थी.यह खबर शहर में आग की तरह फैल गई. पटना के फ्रेजर रोड स्थित सरकारी क्वाटर्र नंबर-12 के गैराज में लगी एक कार में लड़का और एक लड़की की लाश मिलने के बाद सनसनी फैल गई. क्वाटर्र कोई अदना नेता का नहीं बल्कि उस वक्त राज्य की सत्ताधारी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और लालू यादव के साले साधु यादव की थी.

लालू के साला साधू यादव के क्वार्टर में शिल्पी-गौतम की लाश

साधु यादव के क्वाटर्र  में जो लड़की और लड़का का शव मिला उसकी पहचान शिल्पी और गौतम के रूप में हुई। शिल्पी पटना के कमला स्टोर के मालिक उज्जवल कुमार जैन की बेटी थी तो गौतम के पिता बीएन सिंह राजद के बड़े नेताओं के काफी करीबी माने जाते थे. 3 जुलाई के दिन शिल्पी और गौतम करीब 8 घंटे से लापता थे और अचानक जब उनकी लाश मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई जो विधायक थे उनके सरकारी फ्लैट में मिला तो राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया.  क्योंकि मामला लालू यादव के साला और तब की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई से जुड़ी थी, लिहाजा पुलिस भी पूरी तरीके से बैकफूट पर थी। पुलिसिया जांच पर उस समय भी लोगों ने  हैरानी भी जताई थी. कहा जाता है कि पुलिस के पहुंचने से पहले कई विधायक समर्थक भी वहां पहुंच गए थे और उन्होंने हंगामा भी किया था. इतना ही नहीं जिस मारूति कार में शिल्पी और गौतम की लाश मिली थी उस गाड़ी को पुलिस खींचकर नहीं बल्कि ड्राइव करके ले गई थी. एक संदिग्ध कार को मौका ए वारदात से ड्राइव कर ले जाने की वजह से गाड़ी से काफी फिंगरप्रिंट मिट गए थे.

शिल्पी के बदन पर एक व्यक्ति से अधिक के वीर्य पाए गए थे

पटना की पुलिस जब इस मामले की जांच में जुटी तो शुरुआत से ही इन दोनों मौत को आत्महत्या बताई जाने लगी.  पुलिस की थ्योरी के मुताबिक दोनों की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की वजह से हुई थी. लेकिन दोनों के बदन पर नोचने के और जूते से पीटे जाने के निशान थे.विसरा रिपोर्ट आई कि शिल्पी के शरीर में खतरनाक  एलुमिनियम  पाया गया है तो पुलिस ने इसे  आत्महत्या करार दे दिया. हालांकि उस समय के सिटी एसपी  भाटिया यह नहीं बता पाए की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कैसे शिल्पी के बदन पर एक से अधिक व्यक्ति के वीर्य पाये गए।

बाहुबली विधायक से डीएनए सैंपल मांगा गया लेकिन देने से किया था इनकार

उस समय यह भी अफवाह उड़ी की घटना वास्तव में 2 जुलाई 1999 को हुई थी, पर गांधी मैदान थाना क्षेत्र के विधायक आवास पर नहीं बल्कि वाल्मी में हुई थी और वहीं से बॉडी को यहां लाया गया था.  मामला चूंकि सत्ताधारी दल और मुख्यमंत्री के भाई से जुड़ गया लिहाजा  राजधानी पटना का राजनीतिक तपिश काफी बढ़ गई . हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से यह केस सीबीआई के पास गया.उस वक्त अधिकारियों ने राज्य के बाहुबली विधायक से उनका डीएनए सैंपल मांगा ताकि शिल्पी के डीएनए से उनका मिलान किया जा सके, लेकिन बाहुबली विधायक ने देने से इंकार कर दिया था.

कई लोगों ने शिल्पी के साथ किया था रेप

शिल्पी के डीएनए रिपोर्ट से पता चला की मौत से पहले उसके साथ एक से ज्यादा लोगों ने बलात्कार किया था. इस मामले में आरोपियों की पहचान उजागर नहीं की गई थी और बाद में कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया गया था. कुछ सालों बाद शिल्पी के भाई ने इस केस को फिर से लाने और इसकी जांच करवाने की कोशिश की थी. इसके बाद उनका भी अपहरण हो गया. परिणाम यह हुआ कि आज तक यह केस अनसुलझा है और इसे आत्महत्या का नाम दिया जाता है. आज तक पुलिस और सीबीआई किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी.

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