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...जब लालू यादव ने SP को दोबारा फोन कर कहा- ''तब नहीं छोड़िएगा'' जवाब मिला- नहीं

...जब लालू यादव ने SP को दोबारा फोन कर कहा- ''तब नहीं छोड़िएगा'' जवाब मिला- नहीं

PATNA: लालू यादव का फोन कांड इन दिनों बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना है। बीजेपी विधायक को फोन कर प्रलोभन देने का ऑडियो सामने आने के बाद विवाद बढ़ गया और विधायक ने पटना के निगरानी थाने में लालू यादव के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। इधर,ऑडियो वायरल होने के बाद लालू यादव को रिम्स के केली बंग्ले से पेईंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया . हालांकि लालू यादव का नेताओं-अधिकारियों पर प्रेशर बनाने या धमकाने का पहला मामला सामने नहीं आया है बल्कि पहले भी वे फोन कर धमकाते रहे हैं। खुद एक आईपीएस अधिकारी ने आपबीती सुनाई है। 6 साल पहले मोतिहारी के एसपी रहे सुधीर कुमार ने लालू यादव को लेकर एक खुलासा किया है। 

आईपीएस अधिकारी ने शेयर किया पोस्ट

डीआईजी पद से रिटायर हो चुके आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार ने अपने फेसबुक पर लालू यादव का फोन कांड का उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा है कि 6 साल पहले मोतिहारी में योगदान के दूसरे या तीसरे दिन मुझे सूचना मिली कि टाउन थाना क्षेत्र में एक बड़ा जुआ चलता है, जिसमें नित्य लाखों का वारा -न्यारा होता है। मैंने सार्जेंट मेजर  मु० मसलुद्दीन को बुलाकर कहा कि आपको   पुलिस लाईन  से फोर्स लेकर अपने नेतृत्त्व में जुए के एक अड्डे पर रेड करनी है ,लेकिन टाउन थाने के किसी स्टाफ को जानकारी नहीं होनी चाहिए ।मेजर मसलुद्दीन ने आदेश का पालन करते हुए 26 लोगों को गिरफ्तार किया और एक बड़ी रकम भी बरामद की ।मैं बहुत खुश हुआ ।

..तब कहा गया कि आप रात में सो नहीं पायेंगे

रियाटर आईपीएस अधिकारी आगे लिखते हैं कि पुलिस की कार्रवाई के बाद दो -तीन पत्रकार आये । उन्होंने बताया कि सर ,आपने रामबिचारी राय को गिरफ्तार कर  बिरनी के खोते में हाथ डाल दिया है,आज रात आप सो नहीं पायेंगे । मुझे  इस तरह की बात सुनकर आश्चर्य हुआ । इचारी -बिचारी नामक किसी आदमी को मैं नहीं जानता था ।एक एसपी को एक जुआरी के चलते रात में नींद नहीं आएगी - मेरे लिए यह बेतुकी बात थी ।

जब रात में लालू यादव का आया फोन

लेकिन सचमुच ऐसा ही हुआ । कई  महत्त्वपूर्ण लोगों के फोन रात भर  घनघनाते रहे । करीब एक बजे रात्रि में  लालू जी का दुबारा  फोन आया । उन्होंने कहा -' रामबिचारी राय को छोड़ दीजिए । क्यों पकड़ लिए हैं ? ताश ही तो खेल रहा था ।' बार -बार के कॉल से मैं तंग आ गया था । मैंने कहा - "कानून तो आप ही लोग बनाते हैं, यदि जुआ खेलना ताश खेलना है तो गैम्बलिंग एक्ट को खत्म कर दीजिए... मैंने रोका तो नहीं । लेकिन जबतक कानून रहेगा ,तबतक पुलिस तो कार्रवाई करेगी ही ।" लालू जी ने कहा -तब नहीं छोड़िएगा ? मैंने सपाट स्वर में कहा -"नहीं "  । फिर उनका टेलीफोन नहीं आया ।

फिर सीएम हाऊस से एक आईएएस का आया फोन

सुधीर कुमार ने आगे लिखा है कि करीब आधे घंटे बाद  सीएम हाउस से सम्बद्ध एक आईएएस का टेलीफोन आया ।उन्होंने पूरी घटना  के बारे में पूछा ।मैंने स्पष्ट कर दिया कि प्रेस कांफ्रेंस कर चुका हूँ ।किसी को छोड़ने का प्रश्न ही नहीं है ।अंत  में  श्री सिंह जी का कॉल आया ।वे नीतीश कुमार जी के सबसे विश्वसनीय माने जाते थे ।उनसे भी मैंने  वही कहा जो आईएएस अफसर से कहा था । उन्होंने कहा -कोई बात  नहीं । फिर  मेरे मोबाइल पर उनका मेसेज आया जिसमें मुझे शाबाशी दी गयी थी ।मुझे यह समझ में नहीं आया कि यह शाबाशी खीझ थी या आशीर्वाद ! रामबिचारी राय की गिरफ्तारी के विरोध में धरने -प्रदर्शन भी हुए ,पर मुझे क्या अंतर पड़ता था  ?

दूसरे ही दिन गोपाल प्रसाद  (डीआईजी ) ने  अत्यन्त ही सरल भाव से  कहा - "आपका  कार्यकाल ढाई से तीन महीने का  है ।लालू जी तो छपरा से ही बीएमपी -8 ,बेगुसराय भेज रहे थे ।लेकिन नीतीश जी ने खानापूर्त्ति  के तहत यहाँ भेज दिया है । " मेरी अंतरात्मा ने भी डीआईजी साहब की बातों से सहमति व्यक्ति की थी ।

 मुझे संतोष है कि  मैंने अपने कार्य सम्पादन में  दिनकर के सिपाही को पूरी तरह जीने का प्रयास किया था -

वनिता की ममता न हुई ,सुत का न मुझे कुछ छोह हुआ, ख्याति सुयश सम्मान विभव का त्योंही कभी न मोह हुआ,जीवन की क्या चहल -पहल है ,इसे न मैंने पहचाना 

 सेनापति के एक इशारे पर मिटना  केवल जाना ,मेरा सेनापति मेरा कर्त्तव्य -भाव था जिससे कभी कभी मेरे वरीय मुझसे खफा हो जाते थे ।

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