लालू यादव ने पेश की धर्मनिरपेक्षता की मिसाल, मोहर्रम पर ताजिया जुलूस को राबड़ी आवास में बुलाकर दिया बड़ा संदेश

पटना. मोहर्रम के अवसर पर शनिवार को ताजिया जुलुस को राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने घर पर बुलाया. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर ताजिया जुलुस लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान लालू यादव ने खुद आगे आकर सभी का स्वागत किया. दरअसल, मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म में शोक के रूप में जाना जाता है. इस महीने में उत्सव नहीं होता है. इमाम हुसैन की शहादत पर शोक व्यक्त करते हुए शिया मुस्लिम काले कपड़े पहनकर जुलूस निकालते हैं. इस दिन को कुर्बानी के रूप में याद किया जाता है, साथ ही इस दिन ताजिया निकाले जाते हैं.

लालू यादव भी मुहर्रम को लेकर कुछ उसी अंदाज में दिखे. उन्होंने काला कपड़ा पहन रखा था. काले रंग के शॉर्ट्स और काले रंग की टी-शर्ट में लालू यादव कुर्सी पर बैठकर ताजिया लेकर पहुंचे लोगों से मिले और शोक के इस जुलूस में सबके साथ इमाम हुसैन की शहादत को याद किया. 

ताजिया जुलूस में शामिल लोगों ने कहा कि लालू यादव हमेशा से आपसी भाईचारा को बढ़ावा देते रहे हैं. वे पहले भी ताजिया जुलूस को अपने यहां आमंत्रित करते रहे हैं. इस बार भी उन्होंने सबको बुलाया. इस दौरान राबड़ी देवी भी वहां मौजूद रही. लोगों ने कहा कि यह काफी ख़ुशी की बात है कि लालू यादव सबको साथ लेकर चलने का संदेश देते हैं और मोहर्रम के अवसर ताजिया जुलूस को बुलाकर वे सबको साथ रहने की सीख देते हैं. 

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दरअसल, लालू यादव वर्ष 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. तब से उन्होंने बिहार में खुद को अल्पसंख्यक समाज विशेषकर मुस्लिमों के सर्वमान्य नेता के तौर पर पेश करने की कोशिश की है. यहां तक कि लालू यादव अपने वोटों के एम-वाई (मुस्लिम-यादव ) समीकरण के लिए भी जाने जाते हैं. धर्मनिरपेक्ष राजनीति के पैरोकार रहे लालू यादव ने एक बार फिर से उसी दिश में मोहर्रम जुलुस को अपने आवास पर बुलाकर सबको एक संदेश देने की कोशिश की है.