PATNA : बुराई पर अच्छाई के प्रतीक लंका दहन कार्यक्रम का पटना के गाँधी मैदान में समापन हो गया। सबसे पहले 60 फीट ऊँचे कुम्भकर्ण के पुतले में आग लगायी गयी। इसके बाद मेघनाथ के 65 फीट ऊँचे पुतले में और सबसे अंत में 70 फीट ऊँचे रावण के पुतले को जलाया गया।
इसके पहले गाँधी मैदान में भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की आरती उतारी गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित दशहरा कमिटी के लोगों ने उनकी आरती उतारी और कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। इस मौके पर जदयू नेता और बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव छोटू सिंह भी मौजूद थे। बाद में गाँधी मैदान में इको फ्रेंडली आतिशबाजी की गयी। जिसे देखकर गाँधी मैदान में मौजूद लाखों लोगों की भीड़ तालियाँ बजाती रही।
बता दें की दो साल बाद आयोजित होनेवाले इस लंका दहन कार्यक्रम के लिए गांधी मैदान में इस वर्ष 70 फीट का रावण का पुतला बनाया गया था। जबकि 65 फीट का मेघनाद एवं 60 फीट का कुंभकरण का पुतला बनाया गया है। पुतला का निर्माण गया के कुशल कलाकारों द्वारा किया गया।
इस साल कपड़ा, बांस, कागज, रस्सी आदि से पुतला का निर्माण गांधी मैदान में ही किया गया। वहीँ गांधी मैदान में बनने वाली सोने की लंका दो मंजिल की बनाई गई। उसे भव्य तरीके से सजाया गया। लंका के अंदर ही अशोक वाटिका का निर्माण किया गया है, जहां माता सीता को बैठाया गया था।