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विप में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर किया हमला, कहा सुशासन व न्याय के साथ विकास में नहीं रही रूचि

 विप में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर किया हमला, कहा सुशासन व न्याय के साथ विकास में नहीं रही रूचि

PATNA : बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने राजपाल के अभिभाषण के बाद लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने संशोधन को प्रस्तुत करते हुए  कहा कि राज्य सरकार की अब सुशासन व न्याय के साथ विकास में कोई रूचि नहीं रह गयी है। कुर्सी मोह में सरकार अपने एजेंडे से भटक गई है। सरकार के मुखिया की प्राथमिकता बिहार की 13 करोड़ जनता की कीमत पर केवल अपनी कुर्सी बचाए रखने की है। इसी का नतीजा है कि विगत छह महीने में ही बिहार एक बार फिर अपराध, भ्रष्टाचार, अराजकता की अंधेरी सुरंग में चला गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार अपने झूठ का पुलिंदा प्रस्तुत करवा कर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है जबकि हकीकत कुछ और ही है। बिहार में मात्र 76 पुलिसकर्मियों के जिम्मे एक लाख लोगों की सुरक्षा का दायित्व है जबकि राष्ट्रीय औसत 195.39 का है।

चौधरी ने कहा कि राजद पहली कैबिनेट में जो दस लाख पक्की नौकरियां बाट रहा था, उसका क्या हुआ? राज्य के युवाओं को तारीख बताएं तेजस्वी यादव। बगल के राज्य यूपी में 33 लाख करोंड़ का इनवेस्टमेंट प्लान है, बिहार में इसके लिए क्या प्लान है? सरकार सिर्फ और सिर्फ दिखावा करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय हमलोगों ने किया।  9 महीना हो गया आज तक सरकार मकान ही गिनवा रही है। चौधरी ने कहा कि राज्य की सभी पंचायतों में सीसीटीवी कैमरा ए कब्रिस्तान, श्मशानन की घेराबंदी की जानी चाहिए।

चौधरी ने कहा कि आश्चर्यजनक है कि 18 वर्षों से मुख्यमंत्री ही गृहमंत्री की जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं। राज्य के 37 प्रतिशत थाने व ओपी यानी 1,263 में से 471 आज भी भवनहीन है। 50 भवनहीन थानों के लिए सरकार आज तक भूमि तक चिन्हित नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध का बोलबाला है। विगत पांच महीनों से प्रति महीने औसतन 300 हत्याएं बिहार में हुई है। हत्या के मामले में एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार बिहार का स्थान दूसरा और जमीनी विवाद के मामले में पहला स्थान है। विगत पांच महीने में संज्ञेय अपराधों की घटना में 256 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने आपातकालीन सेवा डायल 112 का शुभारंभ 6 जुलाई, 2022 को किया। इस जन-कल्याणकारी सेवा का अनुभव काफी बुरा रहा है। सरकार को इसका फीडबैक लेकर इस सेवा में सुधार करने की जरूरत है। सरकार की घोषणा के अनुसार अपराध की घटना, आग लगने, वाहन दुर्घटना आदि की आपात स्थिति में डायल 112 पर कॉल करने के 15 से 20 मिनट में 400 डेडीकेटेट वाहन के जरिए पुलिस सहायता उपलब्ध कराना था, मगर यह नम्बर अमूमन इंगेज्ड रहता है।

चौधरी ने कहा कि विगत कुछ महीनों में जहरीली शराब से हुई सैकड़ों मौतों की सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण में चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा है। आखिर क्यों? क्योंकि जहरीली शराब से मरने वाले गरीब,दलित, शोषित, पीड़ित वर्ग से हैं। जातीय आधार पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले सत्ताधारी दलों को इनसे कोई मतलब नहीं, क्योंकि सरकार तो अपराधियों व दारू-बालू माफिआयों के सहयोग से चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इतनी लचर और लस्त-पस्त है कि सिपाही से लेकर अधिकारी तक और शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक किसी भी नियुक्ति को पारदर्शी और निर्विवाद तरीके से नहीं कर सकती है। सारी भर्ती एजेंसियां भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। एक भी ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं नहीं हैं जो विवादों में नहीं घिरती हो, परीक्षा का पर्चा लीक नहीं होता हो, भर्ती एजेंसियां, आयोगों व परीक्षा माफिया तथा सेटरों की मिलीभगत से छात्रों के भविष्य को अंधकारमय करने का बिहार में खेल लगातार जारी है। 

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