PATNA : बिहार की सियासत ब्राह्मण ठाकुर विवाद में उलझा हुआ है. राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा संसद में दिए गए भाषण के बाद झगड़ा शुरु हुआ था. मनोज झा ने ओम प्रकाश बाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ सदन को सुनाया था इसके बाद विवाद शुरु हुआ. एक तरह से बिहार की राजनीति ठाकुर के कुंए में उतर आई है.
बिहार की सियासत में जाति हमेशा से हावी रहा है.हर दल जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने की कोशिश करता रहा है.लोकसभा चुनाव में लगभग छह माह बाद है तो बिहार में जाति पर बवाल शुरू हो जाने को राजनीत्क पंडितो के लिए नई बात नहीं है.
वहीं इस मामले में हर दल के नेताओ ने मनोज झा को कठघर में खड़ा किया. इसी क्रम में लोजपा (रा) के नेता डॉ अरुण कुमार ने ठाकुर बनाम ब्राह्मम को प्रोपेगेंडा बताते हुए इससे बचने की सलाह दी है. डॉ अरुण कुमार ने कहा कि इस विवाद में आम लोगों को नहीं पड़ना चाहिए.चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रा) के नेता डॉ अरुण कुमार ने लालू पर प्रहार करते हुए कहा कि लालू यादव को भी पता है कि रेल वाला मामला हो या फिर चारा घोटाला में किसक हाथ है ये सभी लोगों को पता है.
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