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शर्मनाक: खुद के गिरेबां में झांके नीतीश सरकार! राजभवन की गलती दिख गई पर अपनी नहीं, नेताओं-अफसरों के 'चहेते' ताकतवर 'इंजीनियर' पर क्या हुआ एक्शन?

शर्मनाक: खुद के गिरेबां में झांके नीतीश सरकार! राजभवन की गलती दिख गई पर अपनी नहीं, नेताओं-अफसरों के 'चहेते' ताकतवर 'इंजीनियर' पर क्या हुआ एक्शन?

पटनाः बिहार के दो कुलपति पर गंभीर वित्तीय आरोप लगे हैं। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के ठिकानों पर तो निगरानी की छापेमारी हुई और करोड़ों रू बरामद किये गये हैं। वहीं LNMU यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भी गंभीर आरोप हैं. पत्र के बाद सीएम नीतीश ने जांच कराने की सिफारिश राज्यपाल से की है। LNMU यूनिवर्सिटी के जिस कुलपति पर गंभीर आरोप लगे उसे चांसलर अवार्ड दिये जाने से खिन्न नीतीश सरकार ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम से ही दूरी बना ली। पूरे प्रकरण में सरकार और राजभवन आमने-सामने है। नीतीश सरकार को अपना चेहरा नहीं दिखता लेकिन राजभवन में हो रही गड़बड़ी साफ-साफ दिख गई। अपने चहेते अफसरों को बचाने के लिए सरकार भी तो यही हथकंड़ा अपनाती है। अब राजभवन ने यह काम किया तो सरकार नाखुश हो गई। 

पटना हिलाने की बात करने वाले इंजीनियर पर क्या एक्शन हुआ?

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगे आरोपों के बाद राजभवन ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है। राजभवन के इस निर्णय से नीतीश सरकार खुश नहीं है। हालांकि सरकार राजभवन पर जो भी आरोप लगा ले, हकीकत यही है कि सरकार में चहेतों को बचाने के लिए यही हथकंड़ा अपनाया जाता है। सरकार को अपनी कमी नहीं दिखती लेकिन कुलपतियों पर लगे आरोप के बाद सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रही। गड़बड़ी चाहे इधर हो या उधर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं। बता दें, मुजफ्फरपुर में सड़क जांच के दौरान दरभंगा के RWD  के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार पकड़े गये थे। 28 अगस्त 2021 को इंजीनियर अनिल कुमार मुजफ्फरपुर के फकुली ओपी चेक-पॉइंट पर 18 लाख नगद के साथ पकड़ा गया था। बाद की छापेमारी और छानबीन में कुल 67 कैश व लाखों की संपत्ति बरामद की गई। इंजीनियर संपत्ति और रुपये का हिसाब नहीं दे पाए . पुलिस ने आरोपी इंजीनियर और उसके ड्राइवर को धारा 41-सी के तहत जमानत दे दिया है। पैसे की थैली के साथ पकड़े जाने पर इंजीनियर ने पुलिस को चैलेंज दिया था-मुंह खोल देंगे तो पटना तक हिल जायेगा। इंजीनियर के इस बयान के बाद भीतर ही भीतर नेता से लेकर अफसर तक हिल गये थे। लेकिन इस अफसर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।  


अभी तक निलंबित नहीं

जरा खेल देखिए......पैसे की थैली के साथ पकड़े गये दरभंगा के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार कुछ दिनों तक पद पर बने रहे। पैसा मिलने पर पटना तक हिलाने की बात करने वाले अभियंता पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पिछले महीने उनसे सिर्फ प्रभार लिया गया। बताया जाता है कि ग्रामीण कार्य विभाग ने उन्हें निलंबित करने की बजाए छुट्टी पर भेज दिया है। इस संबंध में हमें ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल से भी जानकारी लेनी चाहिए। लेकिन उन्होंने कोई जानकारी साझा नहीं किया। 

इंजीनियर पर बड़े नेता-अफसर का हाथ 

बड़ा सवाल यही है कि जब मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति के खिलाफ छापेमारी हुई और करोड़ों रू पकड़ गये तो राजभवन ने उन्हें छुट्टी पर भेजा।राजभवन के इस निर्णय से सरकार खुश नहीं हुई। इसके पहले भी तो नीतीश सरकार यही काम कर चुकी है। पैसे की थैली के साथ पकड़े गये और पटना हिलाने की बात करने वाले अपने चहेते अफसर को बचाने के लिए सरकार ने भी यही काम किया है। उसे भी निलंबित करने की बजाए काम का प्रभार लेकर खानापूर्ति कर दी। 

केवल प्रभार लिया गया

ग्रामीण कार्य विभाग दरभंगा के प्रभारी अंचल अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के तमाम प्रभार को समाप्त कर दिया गया है। खगडिय़ा जिले के अलौली थाना क्षेत्र के मलौली गांव निवासी व दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग- टू के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार अपने प्रभाव के कारण कई कार्यालयों के प्रभार थे। 67 लाख के साथ पकड़े जाने के दो माह बाद विभाग ने सभी पदों पर नए अधिकारियों की तैनाती की. दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग- वन के कार्यपालक अभियंता व‍िंध्यवासिनी कुमार को प्रभारी अंचल अधीक्षण अभियंता बनाया गया है। साथ ही अनिल कुमार के मूल पद दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग- टू के कार्यपालक अभियंता पर अजय कुमार तैनात किए गए हैं।

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