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पटना में 370 साल पहले हुई थी माँ वन देवी मंदिर की स्थापना, नवरात्र में जुटती है भक्तों की भारी भीड़

पटना में 370 साल पहले हुई थी माँ वन देवी मंदिर की स्थापना, नवरात्र में जुटती है भक्तों की भारी भीड़

PATNA : मुगल काल में जहां एक तरफ सनातन धर्म के मानने वाले लोगों पर मुगलों का अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था। इसी बीच पटना से करीब 35 किलो दूर बिहटा के राघोपुर के जंगल के बीच मां वनदेवी की मंदिर की स्थापना वहां के एक पुजारी ने की थी। लगभग 370 वर्षों से अधिक गुजर जाने के बाद भी आज माता की महिमा कहीं से कम नहीं हुई है। प्रत्येक वर्ष नवरात्र के अवसर पर यहां माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। कहा जाता है की मां वन देवी की महिमा अनंत है, मां अपने भक्तों को कष्टों को नाश करने वाली हैं। मां के दर से आज तक कोई खाली हाथ नहीं गया। माता वन देवी के दर पर भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। माता के दरबार में इस समय नवरात्र में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। 

यह स्थान अम्हारा, राघोपुर और कंचनपुर गांव की सीमा पर है। अम्हारा गांव से मंदिर जाने का गेट बना है। यहां से 2 किलोमीटर के दायरे में कोई आबादी नहीं है। 1648 से पहले का यह मंदिर वन देवी के साथ-साथ कनखा माई मंदिर के नाम से भी मशहूर है। माता वनदेवी के पट बंद होने के बाद मंदिर के आसपास कोई नहीं रहता। यहां तक की पुजारी भी नहीं रहते। कहा जाता है कि उस दौरान माता विचरण करती हैं। दरअसल, अष्टभुजी (विंध्याचल) से माता यहां आई हैं। 

कहा जाता है कि बिहटा के राघोपुर निवासी देवी भक्त विद्यानंद मिश्र तपस्या कर माता को मना कर लाए थे। पहले मंदिर नहीं था, पिंड था। पिंड पर ही एक झोपड़ी थी। लोग उसी का दर्शन-पूजन करने आते थे। 1958 में संत भगवान दास त्यागी पास के गांव अम्हारा यज्ञ कराने आए थे। उन्होंने ही झोपड़ी को मंदिर का स्वरूप दिया। इसके बाद 12 फरवरी 1997 से स्थानीय भक्तों ने मंदिर बनाने का बीड़ा उठाया। यहां रविवार और मंगलवार को ज्यादा भीड़ जुटती है। नवरात्र के मौके पर माता वन देवी का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जिसे देखने और पूजा करने के लिए लोग दूर दराज से आते है। नवरात्र में भी मंदिर की रौनक देखने लायक होती है। नवरात्र में 9 दिन मां की विशेष आरती होती है। देश के कोने कोने से भक्त माता के दरबार में पहुंच रहे हैं और माता वन देवी सभी को कष्टों को दूर कर रही हैं।

पटना से सुमित की रिपोर्ट 

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