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लोकसभा में गरजे पीएम मोदी - कानून मांगने पर नहीं बनता, समाज की जरूरत के लिए, कृषि कानून भी यही

लोकसभा में गरजे पीएम मोदी - कानून मांगने पर नहीं बनता, समाज की जरूरत के लिए, कृषि कानून भी यही

नई दिल्ली। कृषि कानून को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में जमकर गरजे। उन्होंने कहा आज कल एक नई बात कही जा रही है कि हमने कानून की मांग नहीं की, फिर भी यह कानून लाया गया। मैं यह कहता हूं कि तीन तलाक कानून, बाल विवाह पर रोक, दहेज प्रथा पर रोक किसी ने मांगी नहीं थी, लेकिन यह कानून बनाए गए, क्योंकि यह वक्त की जरुरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी आधुनिक समाज के लिए परिवर्तन जरुरी है, शुरू में थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन उसका लाभ लंबे समय तक मिलता है। कृषि कानून का विरोध करनेवालों को इस बात को समझना चाहिए। बदलाव जरुरी है। असफलता के डर के बैठना नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम सामंत नहीं है कि देश की जनता को हमसे मांगने की जरुरत पड़े। हमसे किसी ने आयुष्मान योजना दिया, शौचालय बनाया, गैस कनेक्शन दिया क्या इसे किसी ने मांगा। हमारी सरकार किसी को याचक नहीं बनाया है।


ऑप्शनल है कृषि योजना

राज्यसभा में जहां बेहद शांत दिखनेवाले पीए मोदी का लोकसभा में आक्रमक रूप नजर आया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर करारा जवाब देते हुए कहा कि अब तक कृषि कानून के कंटेट पर किसी ने चर्चा नहीं की है। सभी लोग आंदोलन पर चर्चा कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि कृषि कानून आज की जरुरत है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है। लेकिन उसके लिए हमें बताना होगा कि कानून में कहां कमी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद देश में रिकार्ड खरीदारी की गई है, एमएसपी की दरें भी बढ़ गई है। साफ है कि कानून का कोई असर नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं फिर दोहराता हूं कि कृषि कानून ऑप्शनल है, यह बाध्यता है। किसानों को इस बात की पूरी छूट होगी कि वह इस कानून के अनुसार खेती करना चाहते हैं। 

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