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बेतिया में महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन,कई साल से मनाने की चल रही है परंपरा, इसके बाद ही लोग खेलते हैं होली, कवियों ने सुनाई अपनी रचनाएं

बेतिया में महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन,कई साल से मनाने की चल रही है परंपरा, इसके बाद ही लोग खेलते हैं होली, कवियों ने सुनाई अपनी  रचनाएं

प•चम्पारण के बगहा के एक गांव में अलग अंदाज में लोग होली खेलते हैं। इस गांव का परंपरा है कि होली के एक दिन पहले महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन होता है। हालांकि महामूर्ख सम्मेलन में पढ़े लिखे लोग ही भाग लेते हैं। यह जगह बगहा का पतिलार हैं जहां होली की पूर्व संध्या पर महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह आयोजन 60 से 70 वर्षों से चलता आ रहा है। हालांकि इसकी शुरुआत लोगों के हंसाने से शुरू हुआ था। लेकिन धीरे-धीरे अब यह परंपरा का रूप ले लिया है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी होली के पूर्व संध्या पर महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन हुआ। 

इस वर्ष महामूर्ख के लिए नथुनी शुक्ला को चुना गया था। मुखिया पति अभिषेक मिश्रा के देखरेख में महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें सभी लोग पहुंचे हुए थे। जिसके बाद पतिलार में होली की शुरुआत हो गई। 60 वर्षों से पहले से चली आ रही है । यह परंपरा स्थानीय कवि मिथिलेश उपाध्याय ने बताया कि इस जगह पर अखिलेश्वर पांडे ने इस परंपरा का शुरुआत किया था। उससे पहले यहां यहा एक दिन पहले लोग मां बहुरिया का आशीर्वाद लेने पहुंचते थे। 

धीरे-धीरे इसी स्थान से इस परंपरा की शुरुआत हो गई। होली के 1 दिन पूर्व संध्या पर यहां सभी लोग एक दूसरे पर व्यंग्यात्मक कविता लिखकर सुनाते हैं। इसके साथ ही होली का पर्व अबीर और रंग से यहीं से शुरूआत हो जाती है। हेमंत रावण रवि ने बताया कि बच्चों के साहित्यिक उत्थान के लिए यह कार्यक्रम होता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इतना एजुकेटेड पंचायत चंपारण में कोई नहीं है। वहीं मुखिया पति अभिषेक मिश्रा ने बताया कि इस तरह का पंचायत पूरे बिहार में मिलना संभव नहीं है। इस पंचायत का विकास बहुत पहले से ही हुआ है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास यात्रा की शुरुआत की थी। यहां पर होली के 1 दिन पहले महामूर्ख सम्मेलन मनाया जाता है। जिसमें गांव के सभी पढ़े लिखे और बाहर अच्छे जॉब करने वाले बच्चे से लेकर बूढ़े इकट्ठा होते हैं। इसमें सबसे ज्यादा पढ़े लिखे और बुजुर्ग व्यक्ति को महामूर्ख की उपाधि दी जाती है। 

कवि सम्मेलन के दौरान मिथिलेश उपाध्याय, देवी दत्त मालवीय, हेमंत रमन रवि, मनीष चम्पारणी आदि ने अपने कविता से लोगों को लोटपोट कर दिया। इसके साथ ही विद्वत समाज के बच्चा मिश्रा, श्री नारायण शुक्ल, किशनाथ तिवारी, जगन्नाथ यादव, वर्जनारायण यादव, रमाशंकर मालवीय, योगी नारायण शुक्ला, विपिन शुक्ला आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट-आशिष कुमार

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