बिहार में भी हो सकता है महाराष्ट्र वाला खेला, बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने जताई संभावना, कहा विपक्षी एकता की बैठक से एनसीपी में हुआ विद्रोह

PATNA: महाराष्ट्र में रविवार को हुई राजनीति उलेटफेर का असर कहीं ना कहीं बिहार की राजनीति में देखने को मिल रहा है। अजित पवार का एनसीपी को छोड़ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद बिहार में एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गया है। बीजेपी के नेता समेत कई विपक्षी पार्टी दावा कर रही है कि ऐसा ही टूट बहुत जल्द बिहार की राजनीति में भी देखने को मिल सकती है। वहीं इसी कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गाँधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी।
मोदी ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है। इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया। जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। पार्टी में भगदड़ की आशंका है।
उन्होंने कहा कि जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं था, इसलिए नीतीश कुमार ने 13 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा। आज वे हरेक से अलग से मिल रहे हैं। जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीट नहीं आएगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी। यह भी विद्रोह का कारण बन सकता है।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विधायकों से बिना पूछे भाजपा से गठबंध्न तोड़ा, लालू प्रसाद से फिर हाथ मिलाया और बिहार में विकास की रफ्तार तोड़ी। इससे दल के भीतर असंतोष लगातार बढता रहा है। अब वन-टू-वन बातचीत से आग बुझने वाली नहीं है।