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अयोग्य घोषित हो सकती हैं महुआ मोइत्रा!, बड़े ऐक्शन की तैयारी में एथिक्स कमेटी

अयोग्य घोषित हो सकती हैं महुआ मोइत्रा!, बड़े ऐक्शन की तैयारी में एथिक्स कमेटी

महुआ मोइत्रा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। भाजपा नेता विनोद कुमार सोनकर के नेतृत्व वाली लोकसभा की आचार समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और मंगलवार को समिति बैठक कर मसौदा रिपोर्ट को अपनाने पर विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि महुआ पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। लोकसभा की आचार समिति या एथिक्स कमेटी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस  सांसद महुआ मोइत्रा के विरुद्ध जांच की मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने और उसे स्वीकार करने के लिए सात नवंबर को बैठक करेगी। यह मामला भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा महुआ पर पैसे लेकर प्रश्न पूछने के आरोपों से जुड़ा है  पदाधिकारियों ने बताया है कि पैनल मोइत्रा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है। इसमें शेष लोकसभा तक अयोग्य घोषित किया जाना शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि पैनल साल 2005 के एक मामले से भी मदद ले सकता है, जहां रिश्वत लेकर सवाल पूछने पर 11 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भी आयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा था। 

जांच समिति मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है, जिसमें मौजूदा लोकसभा की शेष सदस्यता के लिए अयोग्यता भी शामिल है। सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और अपने अंतिम विचार-विमर्श में की गई सिफारिशों को समिति के सदस्य अपना सकते हैं। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में तृणमूल सांसद ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके पास आचार समिति में रिकॉर्ड तथ्यों की हूबहू कॉपी मौजूद है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मेरे खिलाफ आपराधिक मामलों की योजना बना रही है, यह जानकर मैं कांप रही हूं।पोस्ट में महुआ ने कहा कि उनका स्वागत है। मैं सिर्फ यह जानती हूं कि मेरे पास मौजूद जूतों की संख्या पर सवाल करने से पहले एक लाख 30 हजार करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में सीबीआई और ईडी को अडानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत है।तृणमूल सांसद ने भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पहले कि आप झूठी कहानी के साथ महिला सांसदों को बाहर निकालें, याद रखें कि मेरे पास आचार समिति में रिकॉर्ड की कॉपी मौजूद है। जिसमें अध्यक्ष के अनैतिक, अप्रासंगिक व बेहूदे सवाल, विपक्ष का विरोध, मेरा विरोध सब कुछ आधिकारिक लिखित रूप से मौजूद है। 

बता दें कि 15 सदस्यीय समिति में भाजपा के सदस्यों का बहुमत है, जो मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों पर गंभीर कार्रवाई भी कर सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि समिति 2005 के रिश्वत के बदले प्रश्न पूछने के मामले को भी अपना सकती है, जहां कई सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। ऐसे संकेत भी मिले हैं कि समिति स्पीकर ओम बिरला को अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के खिलाफ बड़े एक्शन की सिफारिश कर सकती है।



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