PATNA : बिहार में महागठबंधन की सरकार बने हुए अभी 48 घंटे का समय भी नहीं गुजरा है, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ा दी है। नई सरकार में कैबिनेट विस्तार को लेकर मंत्रिमंडल में कोई भी पद लेने को तैयार दिख रही कांग्रेस ने अब नई मांग कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने महागठबंधन की सरकार बनने पर नीतीश कुमार को बधाई देते हुए प्रदेश में एक नहीं, बल्कि पांच उप मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर डाली है।
दिया आंध्र प्रदेश का उदाहरण
कांग्रेस नेता ने पांच डिप्टी बनाने के जाति और धर्म से जोड़ा है। उन्होंने कहा है कि बिहार में जाति और धर्म समाज की सच्चाई है। ऐसे में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, मुस्लिम और सवर्ण से एक-एक उप मुख्यमंत्री बनाएं। इससे 2024 ही नहीं बल्कि 2025 में ही भारतीय जनता पार्टी की कोई हैसियत बिहार में नहीं रह जाएगी। उन्होंने आंध्र प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पांच उप मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं। राज्य की परिस्थितियों को देखते हुए यह करना चाहिए। इससे समाज में समरसता भी रहेगी।
शीर्ष नेतृत्व से समक्ष बात रखनी चाहिए- जदयू
अनिल शर्मा के इस बयान पर जदयू की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी तो महागठबंधन में शामिल है। महागठबंधन के हर दल की इसमें भागीदारी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को महागठबंधन के शीर्ष नेता के सामने बात रखनी चाहिए।
महागठबंधन नेतृत्व निर्णय लेगा
वहीं राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कांग्रेस नेता की मांग को लेकर कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व इतना परिपक्व है कि जो बिहार की बेहतरी के लिए जो होगा उस पर निर्णय लेने के लिए सक्षम है।