PATNA : समय बड़ी चीज होती है। यह बात एक बार फिर से साबित हो गई है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो कि एक सप्ताह पहले तक सीबीआई की सबसे बड़ी विरोधी मानी जाती थी। उन्हें केंद्र का रट्टू तोता बताया अपने राज्य में घुसने पर रोक लगा दिया था। वही ममता बनर्जी अब अपने शासन में महिला डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या के बाद जांच सीबीआई से कराने की बात करती हुई नजर आ रही हैं।
दरअसल, कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 8 अगस्त देर रात ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न लाश मिली थी। पुलिस के मुताबिक, रेप के बाद उसकी हत्या की गई। प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। जिसके बाद ममता बनर्जी सरकार पर चौतरफा हमला शुरू हो गया था। न सिर्फ विपक्ष उन पर निशाना साध रहा था। बल्कि देश भर के डॉक्टरों ने भी इस घटना का विरोध करना शुरू कर दिया और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और उनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाने की मांग कर दी।
आज घटना को लेकर देशभर के 3 लाख रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। AIIMS दिल्ली समेत देशभर के सभी सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई हैं। ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के जनरल सेक्रेटरी डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा- हेल्थ सेक्रेटरी से हमने घटना की CBI जांच कराने और डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग रखी है। जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता, हड़ताल जारी रखेंगे।
18 अगस्त तक अपनी पुलिस को दिया मौका
वहीं इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार सुबह ट्रेनी डॉक्टर के घर पहुंचीं। यहां उन्होंने कहा- 18 अगस्त तक पुलिस केस सॉल्व नहीं कर पाई तो जांच CBI को सौंप देंगे। हालांकि, CBI का सक्सेस रेट काफी कम है। केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी चलना चाहिए।
हैरानी की बात यह है कि यही ममता बनर्जी अब तक अपनी पार्टी और परिवार के खिलाफ हो रही सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं करती थी। उन्हें केंद्र का रट्टू तोता बताया। यहां तक कानून लाकर सीबीआई की बंगाल में इंट्री बंद कराने की कोशिश की गई। सीबीआई अधिकारियों पर पत्थरों से हमला कराया। इस दौरान अपनी पुलिस को बचाने की कोशिश की। लेकिन, अब जब देश भर के डॉक्टरों का दबाव बढ़ा तो उन्होंने सीबीआई पर भरोसा जताना शुरू कर दिया।