नीतीश अपने खेल में हो गए हिट, सिपाही बने मांझी ने कर दिया ऐलान-चिराग पासवान बंद रखें जुबान नहीं तो...

पटना : बिहार के पूर्व सीएम और हम के चीफ जीतन राम मांझी ने अब खुल्लमखुला ऐलान कर दिया है कि लोजपा अगर सीएम नीतीश की तरफ आंख उठाकर देखेगी तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

अब लोजपा से टकराएंगे मांझी
मांझी ने कहा है  लोजपा चीफ जदयू पर निशाने साधने से बाज आ जाए वरना उसे मुझसे टकराना होगा. इतना ही मांझी ने यह भी कहा है कि चिराग पासवान जरा यह भी बताएं कि दलितों के नाम पर वोट की राजनीति करने वाले रामविलास पासवान ने आज तक दलितों के लिए क्या किया है. मतलब साफ है कि नीतीश का मांझी कार्ड सफल होता दिख रहा है. गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से लोजपा चीफ चिराग पासवान लगातार अपने ही गठबंधन के मुखिया सीएम नीतीश कुमार के काम को लेकर मोर्चा खोले बैठे हैं. यहां तक कई दफा लोजपा चीफ चिराग ने बिहार के सीएम बनने की भी इच्छा जाहिर की है. चिराग पासवान हमेशा यह कहते रहे हैं कि हमारा गठबंधन बीजेपी के साथ है ना की जदूय के साथ. 

हालांकि रिश्ते की तल्खी उस वक्त ज्यादा ही बढ़ गई जब जदयू के सबसे वरिष्ठ और कद्दवार नेता ललन सिंह ने चिराग को कालिदास बताते हुए कहा कि ये एक ऐसा नेता हैं कि जिस डाली पर बैठे हैं उसे ही काटने पर आमदा हैं.हालांकि बीच में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दोनों दलों को सलाह देते हुए कहा था कि गठबंधन में सारे दल अहम हैं और सबको एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए लेकिन लोजपा की तरफ से जदयू पर तंज कसने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा. 

नीतीश ने खेला मांझी कार्ड
अब एनडीए में मांझी की एंट्री ने नीतीश की मंशा पर मुहर लगा दी है. हम के चीफ जीतन राम मांझी ने जदयू के फिलहाल दुश्मन नंबर 1 को निशाने पर लेने शुरू कर दिया है. मांझी ने साफ कर दिया है कि सीएम नीतीश और जदयू पर बोलने से पहले अब लोजपा को हमसे टकराना होगा. इसी के तहत उन्होंने रामविलास पासवान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो बता दें कि उन्होंने दलितों के लिए किया क्या है? इससे भी आगे बढ़ते हुए मांझी ने कहा है कि जदयू पर बोलोगे तो जवाब हमसे जरूर सुनना होगा. अब इस राजनीतिक खेल को थोड़ा गहराई से समझिए. बिहार की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले नीतीश लोजपा से टकराने के लिए ऐसा चेहरा सामने लाना चाहते थे जो उसी वर्ग से आता हूं और कद और पद में भी बराबरी करता हो. कभी महागठबंधन के करीबी जीतन राम मांझी को लगातार मीटिंग कर नीतीश कुमार ने एनडीए में शिफ्ट करवा दिया ताकि लोजपा को उन्हें नहीं बल्कि उसी स्टाइल पर उसी वर्ग के लोगों से काउंटर करवाया जा सके.अब वो खेल शुरू हो चुका है.