PATNA : बिहार एनडीए में पिछले कुछ दिनों से चल रही खिंचातानी में हम सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से साफ कर दिया है कि वह किसकी तरफ हैं। दलित और गरीबों के साथ हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर सरकार के काम पर सवाल पर उठानेवालों पर जीतन राम मांझी ने बड़ा हमला कर दिया है। मामले में हम सुप्रीमो ने नीतीश कुमार का साथ देते हुए कहा है कि कुछ लोग हैं, जिन्हें दलित मुस्लिम एकता से पेट में दर्द हो रहा है। वह बिहार सरकार के काम पर सवाल उठा रहे हैं। मांझी ने बिहार के कानून व्यवस्था पर सवाल उठानेवालों को लेकर मांझी ने साफ कर दिया कि कानून अपना काम कर रहा है।
दरअसल, पूर्व सीएम का इशारा बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल की तरफ था। जिनको उन्होंने इशारों में करारा जवाब देते हुए कहा कि पूर्णिया की घटना के बाद वहां के मुस्लिम समाज के लोगों ने दलित समाज के भाईयों के पक्ष में खड़े रहकर बता दिया कि सूबे के दलित-मुस्लिम एकजुट है। लेकिन दलित-मुस्लिम एकता से आपके पेट में दर्द हो रहा है वही बिहार सरकार के उपर उंगली उठा रहें हैं। बिहार में क़ानून अपना काम कर रहा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने खुलकर जायसवाल का नाम नहीं लिया। मांझी ने साफ कर दिया कि जो लोग सवाल उठा रहे हैं उन्हें खुद में झांकने की जरुरत है।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही बिहार के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पूर्णिया की घटना का जिक्र करते हुए सरकार पर यह आरोप लगाया था कि बिहार में दलितों और गरीबों पर अत्याचार बढ़ गया है। जायसवाल ने इस दौरान सीएम नीतीश की पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए यह आरोप लगा दिया था कि पुलिस बेकसूर गरीबों को जेल भेजने का काम कर रही है। जायवसाल के इन आरोपों के बाद जहां एनडीए में खलबली मच गई थी, वहीं विपक्ष को भी जायसवाल ने सरकार पर सवाल उठाने का मौका दे दिया था।