PATNA: बिहार सरकार के एक पत्र से एक हजार युवा बेरोजगार हो गये। कुछ समय से डाटा इंट्री ऑपरेटर बिहार के निबंधन कार्यालयों में कंपनी के माध्यम से अपनी सेवा दे रहे थे। अब निबंधन विभाग ने एक झटके में ही सभी को बदलने का आदेश दिया है। मानवबल सप्लाई कर रही एजेंसी से कहा गया है कि अपने पुराने डाटा इंट्री ऑपरेटर और एमटीएस को निबंधन कार्यालयों से हटायें और नया दें. इसके लिए 1 नवंबर का डेड लाइन दिया गया है।
मद्ध निषेध निबंधन विभाग के सहायक निबंधन महा निरीक्षक मनोज कुमार संजय ने मानव बल सप्लाई करने वाली एजेंसी वैष्णवी हॉस्पिटल को पत्र लिखा है. जिसमें डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं MTS को बदलने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि विभिन्न निबंधन कार्यालयों में उपलब्ध कराए गए डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमटीएस को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है. इस आलोक में सभी मानव बल को निबंधन कार्यालयों से हटाने का निर्णय लिया गया है .ऐसे में कंपनी सभी निबंधन कार्यालयों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमटीएस को हटाए. उनके स्थान पर 1 नवंबर से नए डाटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराएं. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी परिस्थिति में पूर्व से कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमटीएस को निबंधन कार्यालय में दुबारा न भेजें.
बता दें, बिहार के निबंधन कार्यालयों में कंपनी के माध्यम से डाटा इंट्री ऑपरेटर लाया गया. बताया जाता है कि निबंधन कार्यालयों में डाटा इंट्री ऑपरेटरों को लेने के लिए जमकर उगाही भी हुई। सब रजिस्ट्रारों ने अपने पसंद का भी ऑपरेटर रखा. उसके माध्यम से उगाही की शिकायत मिलने लगी। निबंधन विभाग को मिल रही शिकायत के बाद एक झटके में ही सभी ऑपरेटरों को बदलने का फरमान जारी कर दिया गया है। सरकार के इस आदेश से पूरे बिहार के निबंधन कार्यालयों में काम कर रहे करीब 1 हजार लोग बेरोजगार हो गये.