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मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची का स्वाद राष्ट्रपति और पीएम सहित कई गणमान्य जून के प्रथम सप्ताह में चखेंगे

मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची का स्वाद राष्ट्रपति और पीएम सहित कई गणमान्य जून के प्रथम सप्ताह में चखेंगे

MUZAFFARPUR : उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची जो देश ही नहीं विदेशों तक अपने स्वाद के लिए मशहूर है। इस शाही लीची को जीआई टैग भी प्राप्त है। विश्व प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर के शाही लीची का स्वाद देश के माननीय राष्ट्रपति प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य व्यक्ति चखेंगे । इसको लेकर जिले के समाहरणालय सभाकक्ष में लीची टास्क फोर्स की बैठक की गई और बैठक में एक टीम का गठन किया गया जिसमें उद्यान पदाधिकारी कृषि पदाधिकारी एवं अन्य कई अधिकारी को शामिल किया गया है। जो मुजफ्फरपुर के कांटी मीनापुर मुसहरी और बोचहां प्रखंड क्षेत्र से अच्छे फलों वाले शाही लीची के बागवानी को चिह्नित कर करीब एक हजार पेटी बढ़िया लिची चुनकर दिल्ली स्थित बिहार भवन भेजा जाएगा। जहां से देश के माननीय के यहां जून के प्रथम सप्ताह में लीची पहुंच जाएगी। 

साथ ही साथ मशहूर शाही लीची किसानों को भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो लीची को ले जाने और ले आने में इसको लेकर भी एक बड़ा निर्णय लिया गया जिसके तहत नो एंट्री होने के बावजूद भी अगर कोई मालवाहक वाहन से रेलवे स्टेशन पर किसान अपना लीची लादकर ले आते हैं तो उनके गाड़ी का नो एंट्री में छूट रहेगी। किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसको लेकर प्रभारी डीएम सह डीडीसी द्वारा एक पत्र भी जारी किया गया और यह निर्देशित किया गया है कि लीची लोड वाहन के आगे किसान और कारोबारियों को यह डिस्प्ले करना होगा कि या वाहन लीची लोडिंग का है।

 इसके तहत शहर के किसी भी नो एंट्री इलाके में उन्हें आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी लीची किसान अपना लीची देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए मुजफ्फरपुर के रेलवे स्टेशन से ट्रेनों के माध्यम से लीची भेजते हैं अपने बागवानी से लीची तोड़कर पैकिंग कर मालवाहक वाहन से रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं और फिर रेलवे द्वारा बनाई गई लीची स्पेशल पार्सल बोगी के द्वारा अन्य प्रदेशों में भेजते हैं। इसको लेकर रेलवे द्वारा भी एक विशेष कार्य किया गया जिसके तहत जो किसान जितनी देर पहले या फिर कहें कि जितनी जल्दी आते हैं उनका उतनी ही जल्दी लीची ट्रेनों में लोड हो जाता है इसको लेकर किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो इसलिए रेलवे के सुरक्षा बल भी मौजूद रहते हैं।

 रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि पहले आओ पहले पाओ के नियम के अनुसार लीची लोड किया जा रहा है किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत रेलवे के माध्यम से ना हो इसको लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए ताकि मुजफ्फरपुर की मशहूर लिखी देश दुनिया के विभिन्न जगहों पर आसानी से पहुंच सके और किसानों को अच्छी आय हो सके। 

वहीं पूरे मामले पर पूछे जाने पर प्रभारी जिलाधिकारी सह डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि लीची टास्क फोर्स की बैठक में लीची किसानों के लिए विशेष निर्णय लिया गया है जिसके तहत उन्हें लीची लाने में नो एंट्री में छूट मिलेगी जिससे कोई दिक्कत ना हो अन्य प्रदेशों में लीची भेजने में सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ किसानों को मिले इसका ध्यान रखा गया है साथ ही साथ कहा कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों से एक कमेटी द्वारा अच्छी बागवानी जिसमें अच्छे फल लगे होंगे उन्हें चिन्हित कर करीब 1000 पेटी लीची दिल्ली स्थित बिहार भवन भेजा जाएगा जून के प्रथम सप्ताह में लीची दिल्ली बिहार भवन पहुंच जाएगी वहां से देश के माननीय राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों को पहुंचाया जाएगा हर साल की तरह इस बार भी इसकी व्यवस्था की गई है।

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