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छपरा में कई स्कूलों ने कराया छात्रों का फर्जी रजिस्ट्रेशन, डीईओ ने कहा दोषियों के खिलाफ तय है कार्रवाई

छपरा में कई स्कूलों ने कराया छात्रों का फर्जी रजिस्ट्रेशन, डीईओ ने कहा दोषियों के खिलाफ तय है कार्रवाई

CHHAPRA : जिले में मैट्रिक रजिस्ट्रेशन 2022 में जो फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है वह काफी चौंकाने वाला है। सारण में 49 स्कूलों ने 302 छात्रों का फर्जी रजिस्ट्रेशन करा दिया। अनुदानित और उत्क्रमित के अलावा नियमित स्कूलों ने भी इस फर्जीवाड़े की बहती गंगा में खूब हाथ धोए हैं। अभी तक जो जानकारी हाथ लगी है उसके अनुसार 20 से अधिक  नियमित स्कूलों ने छात्रों की रजिस्ट्रेशन कराने में मनमानी की है, और अवैध कमाई भी की है। कई स्कूलों के हेड मास्टरों को इसकी जानकारी भी नहीं है और लिपिक ने उनके साथ खेल कर दिया है।

नियमित स्कूलों को भी नहीं लगा डर

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी थी इसमें स्कूलों की अवैध कमाई बंद सी हो गई थी। क्योंकि पहले स्कूल ही रजिस्ट्रेशन करवाते थे और मनमाने रूप से विभिन्न प्रकार के शुल्क जोड़कर छात्रों से वसूली कर लेते थे। जब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और फॉर्म भरे जाने लगा तो यह कमाई बंद हो गई। फिर भी 49 स्कूलों के हेड मास्टरों ने अवैध कमाई का जरिया अपना ही लिया। हालांकि कई हेड मास्टरों का कहना है कि कुछ समय कोविड-19 का काल था और उनके द्वारा कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया। बल्कि जल्दीबाजी और कंप्यूटर पर काम नहीं करने का डर इन सभी गड़बड़ियों का कारण बना। उस समय लगता था कि कागज छूने या कोई भी सामान छूने से जो कि पहले से दूसरे के द्वारा यूज़ किया गया है उससे कोविड-19 हो सकता था। यही डर गड़बड़ियों का कारण बना है।

हेड मास्टरों की गलत बयानी से उठे कई सवाल

जिन स्कूलों में छात्रों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं। उनके कई हेड मास्टर कोविड-19 का बहाना बना रहे हैं। लेकिन तब सवाल यह उठता है कि बोर्ड ने ऑनलाइन फॉर्म भरवाया था। उसमें सब कुछ सही सही भरा गया था। पिता, माता ,पिता और नाम में हल्की त्रुटि को सुधार करने के लिए समय दिया गया था। ऐसे में पूरा का पूरा सूचना कैसे बदल दी गई। यह बात कहीं ना कहीं हेड मास्टर की अवैध कमाई की ओर इशारा करता है। उन्होंने मौका मिलते ही सुधार वाले अवसर में कमाई वाला उसे ढूंढ डाला और नए परीक्षार्थियों के लिए अवसर निकाल दिया। यह परीक्षार्थी आरा, बक्सर, पटना, हाजीपुर, बलिया आदि से जुड़े हैं। जिन्होंने फर्जी तौर पर छपरा का आवासीय प्रमाण पत्र भी बना लिया है। हालांकि अभी पुष्टि नहीं हुई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले को लेकर जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा की मामले की समीक्षा कर ली गई है। जहां और जिसने कोई गड़बड़ी की है। उनके खिलाफ तो कार्रवाई तय है। बोर्ड का ही आदेश है। अभी जांच चल रही है। जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।

छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट  

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