DESK. उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष यानी यूपीए की ओर से माग्रेट अल्वा उम्मीदवार होंगी. एनसीपी नेता शरद पवार ने रविवार को उनके नाम की घोषणा की. उन्होंने कहा कि विपक्ष के दलों की हुई सर्वदलीय बैठक में अल्वा के नाम पर मुहर लगी.
वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं. उन्हें अब विपक्ष की ओर से माग्रेट अल्वा चुनौती देंगी. मारग्रेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मैंगलूर के पास्कल एम्ब्रोस नजारेथ और एलिजाबेथ नजारेथ के यहाँ हुआ. अल्वा को अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाने के लिए बंगलौर ले जाया गया, जहां माउंट कार्मेल कॉलेज और राजकीय लाँ कॉलेज में इनकी शिक्षा-दीक्षा हुई.
बाद में कांग्रेस पार्टी की महासचिव रहने और तेजस्वी सांसद के रूप में पाँच पारियाँ (1974से 2004) खेल चुकने के साथ-साथ वे केन्द्र सरकार में चार बार महत्वपूर्ण महकमों की राज्यमंत्री रहीं। एक सांसद के रूप में उन्होंने महिला-कल्याण के कई कानून पास कराने में अपनी प्रभावी भूमिका अदा की। महिला सशक्तिकरण संबंधी नीतियों का ब्लू प्रिन्ट बनाने और उसे केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार कराये जाने की प्रक्रिया में उनका मूल्यवान योगदान रहा। केवल देश में में ही नहीं, विदेश में भी उन्होंने मानव-स्वतन्त्रता और महिला-हितों के क्षेत्र में काम किया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने तो उन्हें वहाँ के स्वाधीनता संग्राम में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में अपना समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया। वे संसद की अनेक समितियों में रहने के साथ-साथ राज्य सभा के सभापति के पैनल में भी रहीं। 12 मई 2012 – 2014 तक वह राजस्थान की राज्यपाल रही.