बच्चे को लेकर गया के "मगध इंटरनेशनल स्कूल' पहुँची शहीद की माँ, निदेशक ने दी नि: शुल्क शिक्षा और आने जाने की सुविधा

GAYA : "इ हमर पोता हे...हमर बाबू रौशन के प्राण एकरे में बसऽ हलऽ। शहीद होवे से पहले बाबू कहऽ की चिंता मत कर माँ। इ हमर भतीजा न बेटा हे, एकरा खूब पढ़ाएब और बड़का ऑफिसर बनाएब। अबकी अप्रैल में एकर नाम टेकारी के सबसे बढ़िया स्कूल में लिखबा देब। लेकिन बाबू के सपना सपने रह गेल। बाबू शहीद हो गेलन।"


'मगध इंटरनेशनल स्कूल टिकारी' के निदेशक सुधीर कुमार के सामने बोलते-बोलते केसपा गाँव के शहीद रौशन कुमार की माँ संजू देवी की आँखों में आँसू छलक आए,उनकी आवाज भर्रा गई। शहीद के माँ का दर्द सुनकर सैनिकों-शहीदों के प्रति असीम श्रद्धा-भाव रखनेवाले सुधीर ने कहा कि देश पर मर-मिटनेवाले अमर शहीद रौशन कुमार के सपनों को पूरा करने में  यथासंभव अवश्य मदद अवश्य करूँगा। कल से इस बच्चे को विद्यालय भेज दीजिए। दशवीं कक्षा तक यहाँ इसे नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी,वाहन-शुल्क भी नहीं लगेगा।

स्कूल के निदेशक की दरियादिली को देखते हुए शहीद रौशन की माँ भावुक हो गईं। उन्होंने बच्चे के नामांकन के लिए निदेशक का आभार व्यक्त किया। साथ ही विद्यालय के दिन दुनी रात चौगुनी उन्नति करने का आशीर्वचन दिया।

बताते चलें की इससे पूर्व भी विद्यालय के निदेशक सुधीर कुमार द्वारा टिकारी क्षेत्र के शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने, शहीदों के बच्चों को नि: शुल्क शिक्षा देने का कार्य किया जाता रहा है। इतना ही नहीं, विद्यालय -प्रबंधन  की मदद से क्षेत्र के अनेक बेवस-लाचारों एवं गरीबों के प्रतिभावान बच्चों में से कुछ पूर्णत: नि:शुल्क तो कुछ आंशिक रियायत के साथ बेहतरीन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।