कोलकाता के पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या की घटना के खिलाफ डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच भीड़ द्वारा परिसर में प्रवेश करके प्रदर्शन स्थल, वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से भीड़ को तितर-बितर किया. आरोप है कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.
पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आसू गैस छोड़े. मेडिकल कॉलेज में अराजकता फैल गई। आलम यह रहा कि उग्र भीड़ ने अस्पताल की इमरजेंसी को भी नहीं छोड़ा.सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल में तोड़फोड़ मचाने लगे और लोगों ने डॉक्टरों को भी पीटा. इस दौरान अस्पताल के अंदर मौजूद डॉक्टर और स्टूडेंट्स मदद की गुहार लगाते रहे.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रशिक्षु डॉक्टर हसन मुश्ताक कहते हैं, हमें रात 11 बजे विरोध मार्च के लिए निकलना था. लेकिन, परिसर के बाहर लोगों का एक बहुत बड़ा समूह था जो प्रदर्शन कर रहा था.वे नारे लगा रहे थे – ‘हमें न्याय चाहिए’, लेकिन वे आगे नहीं बढ़ रहे थे. भीड़ उग्र हो गई और वे परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. अचानक, वे आए और तोड़फोड़ करने लगे. हमने अपनी महिला टीम को पहले ही जाने के लिए कह दिया था और जैसे ही वे गए, भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए और अंदर घुस गई और हमें अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा. भले ही हम सब कुछ शांतिपूर्वक कर रहे थे, लेकिन वे बाहर से आए और उन्होंने यह किया.
अस्पताल को नुकसान पहुंचाने के अलावा, एक पुलिस वाहन और कई दोपहिया वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई, जिसमें कुछ पुलिस अधिकारी हिंसा में घायल हो गए। 'रिक्लेम द नाइट' अभियान, जिसने सोशल मीडिया के ज़रिए गति पकड़ी, स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ रात 11:55 बजे शुरू हुआ और कोलकाता के कई ऐतिहासिक स्थलों सहित छोटे शहरों और बड़े शहरों के प्रमुख क्षेत्रों में फैल गया. जैसे-जैसे तनाव बढ़ता गया, कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल रात करीब 2 बजे घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान के लिए मीडिया की आलोचना की.
आयुक्त गोयल ने कोलकाता पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने जोर देकर कहा कि सीबीआई भी यह साबित नहीं कर पाएगी कि पुलिस किसी को बचाने की कोशिश कर रही थी.
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने कहा, यहां जो कुछ हुआ है वह गलत मीडिया अभियान के कारण हुआ है. कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया है? इस मामले में उन्होंने सब कुछ किया है. मेरे हर अफसर ने सबूत इकट्ठा करने के लिए दिन-रात काम किया है, मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. लोग अफवाहें फैला रहे हैं. हमने कुछ भी गलत नहीं किया है. इस दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान के कारण कोलकाता पुलिस ने लोगों का विश्वास खो दिया है. हमने कहा कि हम वैज्ञानिक साक्ष्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसमें समय लगता है. मीडिया की ओर से बहुत दबाव है. मेरी टीम की ओर से सब कुछ सही किया गया है. हम पीड़ित परिवार और हर किसी के साथ पारदर्शी रहे हैं.
घटना पर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'आज रात आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता ने सभी सीमाओं को पार कर दिया. एक जन प्रतिनिधि के रूप में मैंने अभी कोलकाता पुलिस कमिश्नर से बात की और उनसे सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आज की हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाए और अगले 24 घंटों के भीतर कानून के दायरे में लाया जाए, भले ही वो किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखता है.'
विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने लोगों के आंदोलन को दबाने के लिए गुंडों को भेजा था.