DESK. मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे अब नहीं किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण मथुरा को लेकर जो तरह तरह की बातें हो रही थी उस पर फ़िलहाल विराम लग गया है. दरअसल, वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद के भी सर्वे की अनुमति निचली कोर्ट ने दे दी थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उस ऑर्डर पर रोक लगा दी है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 17वीं शताब्दी के मस्जिद के सर्वे का ऑर्डर दिया था।
वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर 2023 के फैसले पर रोक लगा दी है। पीठ ने साफ किया है कि कुछ कानूनी मुद्दे हैं, जो सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में दाखिल उस आवेदन पर भी सवाल उठाए जिसमें एक कमिश्नर की नियुक्ति में सर्वे की अनुमति मांगी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की अनुमति के बाद मुस्लिम पक्ष ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवााई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच ने कहा कि आप कोर्ट कमिश्नर की डिमांड के लिए आवेदन नहीं दे सकते। यह बहुत ही विशेष उद्देश्य के लिए किया जाता है। आप हर चीज के लिए कोर्ट की तरफ नहीं देख सकते हैं। दरअसल, हिंदू पक्ष यह दावा करता है कि श्रीकृष्ण के जन्म स्थान पर यह मस्जिद बनाई गई है। सबसे पहले यह डिमांड स्थानीय कोर्ट में फाइल की गई थी जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया था। हिंदू पक्ष ने मथुरा की स्थानीय अदालत में पूरे 13.37 एकड़ पर पूरे मालिकाना हक का दावा किया था और कहा था कि यह सदियों पुराना स्थान हिंदूओं का है, जहां मस्जिद बना दी गई। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे पर रोक लगा दी है।