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जाँच केंद्रों पर छापेमारी से मेडिकल माफियाओं में हड़कंप, बेखौफ मेडिकल माफियाओं ने जांच अधिकारियों को दी चुनौती, यह है मामला

जाँच केंद्रों पर छापेमारी से मेडिकल माफियाओं में हड़कंप, बेखौफ मेडिकल माफियाओं ने जांच अधिकारियों को दी चुनौती, यह है मामला

MUZAFFARPUR : 

मुज़फ़्फ़रपुर-के प्रभारी जिलाधिकारी के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाये जा रहे सूबे में विशेष अभियान के तहत सभी प्रकार के जाँच केंद्रों खासकर अल्ट्रासाउंड और एक्सरे सेण्टर पर कई विशेष टीम बनाकर छापेमारी की जा रही है । जिसमें अबतक सैकड़ो अल्ट्रासाउंड सेंटर इस कार्यवाई के जद में आ चुके है । मुज़फ़्फ़रपुर जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जाँच पड़ताल करने वाले अधिकारियों को अब एक डर सताने लगा है । जहा जांच टीम को मेडिकल माफियाओं द्वारा खुला चैलेंज किया जा रहा है जितना जांच-पड़ताल करना है कर लीजिए जो कार्रवाई होती है कर दीजिए, 1 महीने के अंदर चालू करा लेंगे लेकिन आप अपना सोच लीजिएगा जी हां यह हिमाकत यह बताने के लिए काफी है कि बिहार में मेडिकल माफियाओं की पकड़ कितनी मजबूत है।

 स्वास्थ्य विभाग में जो अधिकारियों के कार्रवाई से बेखौफ होकर उल्टे धमकी दे रहे कि अपना सोच लेने के लिए ऐसे में कहा जा सकता है कि आखिर संरक्षण किसी न किसी महकमें में के बड़े लोगों की है जिसके बूते आज मेडिकल माफिया अपने मनमर्जी के तहद स्वास्थ्य विभाग पर राज करते हैं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने से हिचकीचाते हैं आपको बताते चलें कि ताजा मामला औराई प्रखंड का है जहाँ ब्लॉक गेट पर दो अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहा था क्रमशः न्यू दिव्या अल्ट्रासाउंड और अनुष्का अल्ट्रासाउंड  जहां नियमानुकूल जाँच पड़ताल करने पहुंचे स्थानीय पुलिस और औराई पीएचसी प्रभारी डॉ अनुपम कुमार और प्रखंड स्तरीय अधिकारी जिसके बाद जांच के क्रम में जो खामियां मिली उसे देखकर सभी हैरान और परेशान हो जायेंगे। 2000 से लेकर ₹5000 तक के बिल और डॉक्टर की जगह  दूसरा स्टाफ कर रहा था अल्ट्रासाउंड दोनों सेंटर से जांच दल ने कई कागजात और रजिस्टर जप्त किया और अल्ट्रासाउंड सेंटर को तत्काल सील कर दिया इस कार्रवाई से परेशान अल्ट्रासाउंड संचालक एवं उसके लोगों को मिर्ची लगी और जांच टीम के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धमकी दे डाली।+ कहा कि जो जो करना है कर लीजिए 1 महीने के अंदर पुनः वापस सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन अपना सोच लीजिए। आपका क्या होगा 

 भ्रूण जाँच को लेकर सूबे में अल्ट्रासाउंड सेंटरो पर छापेमारी

बिहार में आये दिन लिंग अनुपात गिरता जा रहा है जिसका सीधा संबंध अल्ट्रासाउंड सेंटरों से है जहाँ भ्रूण जाँच करने के बाद अगर लड़की नकली तो तुरंत उसे खत्म कर दिया जा रहा है इसके एबज में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की चांदी कट रही थी । मनमाना पैसा कमाने का एक मात्र जरिया है भ्रूण जाँच । 

सरकारी मानकों के अनुसार जाँच में पाए गए दोषी

सरकार के द्वारा मानकों के अनुसार इन्हें भी अल्ट्रासाउंड चलाने का लाइसेंस दिया गया है उन्हें एक डॉक्टर जिसके नाम पर सेंटर का लाइसेंस होता है उन्हें सेंटर पर मौजूद रहना है जब अल्ट्रासाउंड हो अगर किसी कारणवश नहीं है तो अल्ट्रासाउंड का ऑपरेशन सेंटर को लॉक कर रखना इसके एवज में सरकार द्वारा ₹800 निर्धारित है लेकिन होता सिर्फ खानापूर्ति है उसके नाम से लाइसेंस है वह डॉक्टर रहता ही नहीं अन्य कर्मी से चलता है पूरा खेल और अल्ट्रासाउंड जांच के क्रम में गर्भवती महिलाओं का भ्रूण टेस्ट कर कमाते हैं मनमाना पैसा। 

मेडिकल माफिया की धमकी के बाद खौफजदा स्वास्थ्य अधिकारी

मुजफ्फरपुर के औराई में स्थानीय पीएचसी प्रभारी डॉ अनुपम कुमार को प्रखंड कार्यालय गेट के सामने स्थित  दो अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच के बाद सील करना और मुकदमा कराना गले का फांस बन गया अल्ट्रासाउंड संचालकों द्वारा खुली चुनौती दी गई है कि जो कार्यवाई करना है कर लीजिए एक माह के अंदर सेंटर खुलेगा लेकिन आपका साहब क्या होगा सोच लीजिएगा मतलब साफ है कि अगर मेडिकल माफियाओं के खिलाफ जो भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अगर कार्रवाई करेंगे तो उनके खिलाफ मेडिकल माफिया कुछ भी करा सकते हैं पीएचसी प्रभारी ने बस इतना बताया कि जो भी मेरे साथ हुआ है इससे अपने संबंधित बड़ी अधिकारियों को अवगत करा दिया हूं दोनों सेंटर को सील कर दिया गया है और स्थानीय औराई थाना में केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है । 

क्या कार्रवाई महज दिखावा या फिर कड़ा सन्देश

अब सवाल उठता है कि अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर हुई कार्यवाई महज दिखावा है या फिर यह करा संदेश है कि गलत अगर होगा तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा या तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन जिस तरह से मेडिकल माफियाओं द्वारा संबंधित जांच करता अधिकारी को खुली चुनौती दी जा रही है उससे सवाल उठना लाजमी है कि क्या उक्त अधिकारी का तबादला हो जाएगा या फिर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी। 

स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से चल रहा था खेल

मुजफ्फरपुर के औराई में अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापेमारी में पकड़े गए कई रजिस्टर और अन्य कागजात यह बताने के लिए काफी था कि पूरे खेल में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मी शामिल है जिसमें कई आशा कार्यकर्ताओं को जांच केंद्रों द्वारा दिया जाता था कमीशन जिसका जिक्र पकड़े गए रजिस्टर में दर्ज है । सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य कर्मियों की मिलीभगत से ही पूरे खेल का संचालन हो रहा है और जो भी स्वास्थ्य कर्मी ऐसे कुकर्मों में शामिल नहीं होते हैं उनके खिलाफ कार्यवाई हो जाती है या फिर तबादला हो जाता है।

बीते वर्ष पूर्व अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ डॉ अनुपम कुमार ने की थी कार्रवाई 

औराई के पीएचसी प्रभारी डॉ अनुपम कुमार के द्वारा बीते वर्ष सबसे पहले अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ जांच पड़ताल और कार्रवाई की गई थी उस समय विभाग का कोई निर्देश भी नहीं था लेकिन अपने इलाके में सब कुछ ठीक-ठाक हो सरकार के नियमानुसार स्वास्थ्य सिस्टम चलें इसको लेकर औराई पीएचसी प्रभारी डॉ अनुपम कुमार ने सब कुछ ठीक करने की कोशिश की लेकिन उस समय जिला स्तर से कुछ खास मदद नहीं की गई अगर यह छापेमारी और जांच-पड़ताल 1 साल पहले हुई होती तो शायद कईयों की जान बचती और अल्ट्रासाउंड सेंटरों की गाढ़ी कमाई पर लगाम लग जाता है लेकिन ऊंचे पहुंचकर कारण सब कुछ लेपापोती हो गया और डॉक्टर अनुपम में ही एडिशनल पीएचसी अपने क्षेत्र में स्टार्ट करवाया जहां से गरीब मजदूर लोग सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम तक आसानी से पहुंच कर अपना इलाज करा सकें। आज सरकार के निर्देशों के आलोक में हो रही कार्रवाई के बाद उसी पीएचसी प्रभारी डॉ अनुपम कुमार जो स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने में औराई प्रखंड क्षेत्र में अब तक रीड की हड्डी साबित हुए हैं उन्हें ही अब धमकाया जा रहा है की अल्ट्रासाउंड सेंटर तो सील हो गया है एक महीना के अंदर हम खुलवा लेंगे लेकिन अपना सोच लीजिए साहेब । 

वरीय अधिकारियों पर टिकी  है सबकी निगाहें

अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक को और उसके लोगों द्वारा और आईपीएससी प्रभारी को किए गए खुले चैलेंज से अब कई सवालों को जन्म दे दिया लेकिन अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी और अन्य वरीय अधिकारियों का क्या भूमिका रहता है क्या पीएचसी प्रभारी को मिली खुली चुनौती पर संबंधित वरीय अधिकारी अमल करते हैं या फिर मेडिकल माफियाओं की चांदी करती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा फिलहाल औराई में दो अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है इस बात को लेकर औराई थानेदार रूपक कुमार ने भी पुष्टि की है कि दो अल्ट्रासाउंड सेंटर पर केस दर्ज करने के लिए सीएससी प्रभारी द्वारा पत्र दिया गया जिस पर कार्रवाई की जा रही है ।

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